सागर।जिला चिकित्सालय के एसएनसीयू में गंभीर नवजात शिशुओं का अत्याधुनिक सुविधाओं के साथ इलाज किया जा रहा है। ऐसा ही एक प्रेरणादायक उदाहरण तेंदूखेड़ा, जिला नरसिंहपुर निवासी कृष्णा लोधी के नवजात शिशु का है। दिनांक 25.04.2025 को सिविल अस्पताल बीना में कृष्णा लोधी की पत्नी ने एक अत्यंत प्रीमैच्योर शिशु को जन्म दिया, जिसका जन्म के समय वजन मात्र 940 ग्राम था। शिशु को जन्म के साथ ही सांस लेने में अत्यधिक कठिनाई हो रही थी और उसकी हालत नाजुक थी। उसे तुरंत जिला चिकित्सालय नरसिंहपुर के एसएनसीयू में रेफर किया गया।
एसएनसीयू प्रभारी डॉ सौरभ जोशी ने तत्परता दिखाते हुए शिशु को सांस की नली के माध्यम से सरफेक्टेंट दवा फेफड़ों में दी एवं उसे सीपेप मशीन पर रखा गया। लगातार चिकित्सकीय निगरानी और देखरेख के फलस्वरूप शिशु की हालत में धीरे-धीरे सुधार होने लगा। एक सप्ताह के भीतर ऑक्सीजन हटाई गई एवं शिशु को कंगारू मदर केयर सुविधा भी दी गई।
इस दौरान पीजीएमओ डॉ प्रिंस अग्रवाल एवं सभी नर्सिंग ऑफिसर्स द्वारा शिशु की सतत निगरानी की गई। नियमित उपचार और देखभाल के चलते शिशु का वजन बढ़कर 1.640 किलोग्राम हो गया और दिनांक 23.06.2025 को उसे पूर्णतः स्वस्थ अवस्था में डिस्चार्ज कर दिया गया।
इस सफल उपचार में एसएनसीयू प्रभारी डॉ सौरभ जोशी, डॉ प्रिंस अग्रवाल एवं समस्त नर्सिंग स्टाफ की भूमिका अत्यंत सराहनीय रही। उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा एसएनसीयू में उपलब्ध कराई गई सीपेप मशीनें ऐसे गंभीर नवजात शिशुओं के लिए जीवनदायिनी सिद्ध हो रही हैं। इस सफलता में क्षेत्रीय संचालक डॉ नीना गिडियन, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ ममता तिमोरी तथा सिविल सर्जन डॉ आर एस जयंत का विशेष सहयोग प्राप्त हुआ।
