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सागर जिले के 12 युवकों को ड्रोन पायलट बनने के लिए चयनित किया गया है । आजीविका मिशन के साथ कार्यरत सिजेंटा फाउंडेशन ऑफ इंडिया संस्थान ने जिले के युवकों को ड्रोन पायलट बनाने की बुनियाद रखी है। पहले चरण में 12 युवकों ने इस कार्य में अपनी रुचि दिखाई है। इन युवकों की 7 से 15 दिन की ट्रेनिंग जबलपुर अथवा भोपाल में यथाशीघ्र आयोजित की जाएगी। जहां इनका ड्रोन ऑपरेटिंग करना सिखाया जाएगा। प्रशिक्षण पूरा करने के बाद जो कंपनी जो कीटनाशक का निर्माण करती है एसएफआई के साथ मिलकर इन युवकों को इनपुट और मशीन उपलब्ध कराएगी। ये युवक खेतों में ड्रोन के माध्यम से कीटनाशक का छिड़काव करेंगे। ड्रोन पायलट के रूप में प्रशिक्षित यह युवक इस कार्य को न केवल जिले में करेंगे, बल्कि डिमांड आने पर यह प्रदेश के अन्य जिलों में अथवा प्रदेश के बाहर भी भेजे जा सके।

जिला कलेक्टर दीपक आर्य के मार्गदर्शन में आजीविका मिशन के द्वारा एक नई पहल की शुरुआत की जा रही है जिसमें खेती में तेजी से घटती मानव श्रम की कमी को देखते हुए खेती में किसानों को कई तरह की बाधाएं आने लगी है। कृषि का यांत्रिकीकरण इसलिए आवश्यक भी हो गया है। सागर जिले में सब्जी का रकबा धीरे-धीरे बढ़ता जा रहा है। जिले की सब्जी प्रदेश के कई जिलों में नहीं बल्कि प्रदेश के बाहर भी सप्लाई होती है। विशेष कर टमाटर, मिर्च, शिमला मिर्च, ब्रोकली, गोभी, गाजर, मूली, लहसुन, प्याज ने राष्ट्रीय स्तर पर सागर जिले की छवि को अंकित किया है। इन सब्जियों में कीट प्रबंधन के लिए दावों की छिड़कावों की आवश्यकता होती है। आमतौर पर एक एकड़ में 7 से 8 पंप दवा छिडकी जाती है। ऐसे में गांव में दवा छिडने के लिए लेबर मिलना धीरे-धीरे कठिन होता जा रहा है। यही कारण है कि सब्जी और फसलों में किसानों को इस विकट समस्या का कुछ वैकल्पिक हल निकला जा सके ।


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