राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस
शेयर करें

आज 23 अगस्त, 2024  को देश अपना पहला राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस मना रहा है। भारत सरकार ने 23 अगस्त को ‘राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस’के रूप में मनाने की घोषणा की है। दरअसल  23 अगस्त 2023 को विक्रम लैंडर की लैंडिंग और प्रज्ञान रोवर की तैनाती के साथ मिशन की सफलता की याद में देशभर में हर साल 23 अगस्त को राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस मनाने का फैसला लिया गया है। सरकार ने कहा कि 23 अगस्त स्पेस मिशन में देश की प्रगति में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, यह युवा पीढ़ी की साइंस, टेक्नोलॉजी और इंजीनियरिंग की रुचि बढ़ाने के लिए प्रेरित करता है और स्पेस सेक्टर को एक प्रमुख प्रोत्साहन प्रदान करता है।

राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस 2024 का विषय है, “चंद्रमा को छूते हुए जीवन को छूना: भारत की अंतरिक्ष गाथा।” प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 26 अगस्त, 2023 को इसरो के बेंगलुरु स्थित केंद्र से घोषणा करते हुए कहा था कि, भारत ने 23 अगस्त को चन्द्रमा पर हिन्दुस्तान का झंडा गाड़ा था इसलिए इस दिन को अब पूरा देश राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस के रूप में मनाएगा। पिछले दो वर्षों पर ही नजर डाली जाए तो भारत ने अंतरिक्ष संबंधी स्टार्टअप्स में 200 गुना की वृद्धि की है। अंतरिक्ष संबंधी स्टार्टअप्स की संख्या वर्ष 2022 में 1 से बढ़कर वर्ष 2024 में जून के महीने तक लगभग 200 हो गई थी, जो इन वर्षों में 200 गुना की अभूतपूर्व वृद्धि है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रथम राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस के अवसर पर देशवासियों को बधाई दी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज प्रथम राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस के अवसर पर देशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं दीं। सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर साझा किए गए अपने संदेश में प्रधानमंत्री ने अंतरिक्ष क्षेत्र में भारत की उल्लेखनीय उपलब्धियों पर बेहद गर्व भी व्यक्त किया।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “पहले राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस के अवसर पर सभी को बधाई। हम अंतरिक्ष क्षेत्र में अपने देश की उपलब्धियों को बड़े गर्व के साथ स्मरण करते हैं। यह हमारे अंतरिक्ष वैज्ञानिकों के योगदान की सराहना करने का भी दिवस है।”

अंतरिक्ष क्षेत्र को आगे बढ़ाने की दिशा में सरकार की प्रतिबद्धता का उल्लेख करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा, “हमारी सरकार ने इस क्षेत्र से संबंधित कई भविष्योन्मुखी निर्णय लिए हैं और आने वाले समय में हम इस क्षेत्र में और भी अधिक कार्य करेंगे।”

चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला भारत विश्व का एकमात्र देश

दरअसल भारत के चंद्रयान-3 मिशन ने 23 अगस्त, 2023 को चांद की सतह पर विक्रम लैंडर की सुरक्षित और सॉफ्ट लैंडिंग पूरी की थी। सॉफ्ट लैंडिंग के बाद प्रज्ञान रोवर की सफल तैनाती की गई। लैंडिंग साइट का नाम ‘शिव शक्ति’ पॉइंट (स्टेशन शिव शक्ति) रखा गया। इसके साथ ही 23 अगस्त को “राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस” घोषित किया गया। चंद्रयान 3 की सफलता के साथ ही चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला भारत विश्व का एकमात्र देश बन गया। बता दें कि चंद्र -3 परियोजना की लागत केवल लगभग 600 करोड़ रुपये थी, जो इसकी सफलता में चार चाँद लगाने वाली थी।

गौरतलब है कि 23 अगस्त को जब इंडियन स्पेस रिसर्च ओर्गनाइजेशन (ISRO) का चंद्र मिशन पूरा हुआ था तो पूरे देश में जश्न मनाया गया था। चंद्रयान की सफल लैंडिंग के साथ ही भारत अमेरिका, रूस, और चीन के बाद चांद पर पहुंचने वाला दुनिया का चौथा देश बन गया था, जबकि चांद के साउथ पोल पर पहुंचने वाला भारत दुनिया का पहला देश है।


शेयर करें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!