डाकघर
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डाक विभाग लघु बचत योजनाओं से आमजन को परिचित कराने के लिए हर घर खाता अभियान चलाया जा रहा है। अभियान के अंतर्गत गृहणी, कामगार, व्यवसायी, दैनिक वेतन भोगी, विद्यार्थियों एवं आमजन के पीपीएफ खाते, नागरिकों के बचत खाते, आवर्ती खाते एवं सावधि खाते खोले जा रहे है। डाकघर ने आमजन से हर घर खाता अभियान के तहत डाकघर की आकर्षक योजनाओं का लाभ खाता लेने की अपील की है। इनमें उच्च व्याज दर वाली डाक विभाग की जनकल्याणकारी बचत योजनायें शामिल है।

डाकघर आवर्ती जमा योजना-मात्र 1450 प्रति माह जमा कर 5 वर्ष उपरांत लखपति (ब्याज दर-5.8 प्रतिशत) बना जा सकता है। बचत बैंक मात्र 500 रूपये से खुलवाकर चेकबुक एटीएम, ऑनलाईन बैकिंग सुविधा (ब्याज दर 4 प्रतिशत) ली जा सकती है। 1,2,3 एवं 5 वर्षीय टाईम डिपॉजिट (ब्याज दर-5.5 से 6.7 प्रतिशत) योजना भी है जिसके लिए न्यूनतम 1000 प्रतिमाह एवं अधिकतम कोई सीमा नहीं रखी गई है। 5 वर्षीय मंथली इनकम स्कीम (एमआईएस) (ब्याज दर – 6.6 प्रतिशत) न्यूनतम 1000 रुपए एवं अधिकतम सीमा 4.5 लाख एकल खाते के लिए, 9.0 लाख ज्वांइट खाते हेतु योजना भी संचालित है। सीनियर सिटीजन एवं रिटायर्ड कर्मचारियों के लिए 5 वर्षीय सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम (ब्याज दर 7.6 प्रतिशत) मिनिमम डिपॉजिट राशि 1000 रुपये अधिकतम 15 लाख भी लोकप्रिय है, जिसमें ब्याज की। वापसी त्रैमासिक स्तर पर होती है, 21 वर्षीय सुकन्या समृद्धि योजना ब्याज योजना ब्याज दर- 7.6 प्रतिशत के लिए खाता खोलने की राशि मात्र 250 रुपये है। आयकर 80 सी की इस योजना में अधिकतम 1.5 लाख प्रतिवर्ष तथा जमा अवधि 15 वर्ष है। इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक में 250 रूपये से नागरिक प्रीमियम खाता खुलवा सकते है। फ्री डोर स्टेप सर्विस/असीमित जमा निकासी की सुविधा भी दी गई है।

डाकघर में मात्र 299 एवं 399 रुपये में 10 लाख का दुर्घटना बीमा कराया जा सकता है। इस प्रकार डाक विभाग एवं भारत सरकार के इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक द्वारा दुर्घटना बीमा के क्षेत्र में एक अनूठी पहल की गई हैं, जिसके तहत 299 एव 399 रुपये प्रतिवर्ष की मामूली दर पर दुर्घटना बीमा के तहत ग्रुप एक्सीडेंट पॉलिसी जारी की जाती हैं। इस पॉलिसी में बीमा धारक की दुर्घटना में मृत्यु होने पर क्लेम से लेकर अस्पताल के इलाज के लिए तुरंत राशि उपलब्ध कराई जाती हैं। साथ ही स्थाई विकलांगता, आंशिक विकलांगता होना या लकवा होने पर 10 लाख तक का क्लेम किया जा सकता हैं। दुर्घटना का शिकार होने पर अस्पताल में भर्ती होने पर ईलाज खर्च के लिए 60 हजार और ओपीडी इलाज के 30 हजार रूपये दिये जाएँगें। इस प्रकार 10 लाख के दुर्घटना बीमा के क्षेत्र में एक अनूठी पहल की गई हैं।


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