स्मार्ट सिटी के समुद्र मंथन में ‘राक्षस’ ने खुद ही खोल दिया नकाब! लोकार्पण से पहले ही मूर्तियों में आई जान, इंतजार से ऊबे राक्षस ने कर दिया ‘स्वतः अनावरण’
ज्योति शर्मा/सागर।
स्मार्ट सिटी सागर के गर्ल्स डिग्री कॉलेज के सामने बन रहे ‘समुद्र मंथन थीम पार्क’ में शायद अब प्रतीक्षा भी थकने लगी है। देव-दानवों के बीच मंथन जारी था, पर्वतस्थ मंदराचल अडिग था, मगर अचानक एक राक्षस ने इंतजार की सीमा लांघ दी – और अपने चेहरे से नकाब खुद ही हटा दिया।
बिना फीते, बिना मंच, बिना भाषण… यह था उद्घाटन का अनोखा तरीका। मानो वह राक्षस कह रहा हो –
“अब और नहीं… मैंने काफी सह लिया, अब खुद ही सामने आता हूँ।”
ऐसा लगा जैसे खुद मूर्तियों में चेतना आ गई हो और राक्षस ने यह जता दिया हो कि केवल निर्माण नहीं, समय पर समर्पण भी ज़रूरी है।
पार्क में भगवान, देवता, असुर, समुद्र, पर्वत सब अपनी-अपनी जगह जम चुके हैं, बस उद्घाटन की रस्म बाकी है – वो भी अब प्रतीक्षा के सागर में डूबती नजर आ रही है।
चुप मूर्तियों से ज़्यादा बोल गए राक्षस, और यह बताने की ज़रूरत नहीं रही कि अब जनता को सिर्फ उद्घाटन नहीं, व्यवस्था का मुखौटा उतरना भी चाहिए।
