उज्जैन
शेयर करें

भोपाल /उज्जैन I सोमवार को हुआ मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव इस अवसर पर संबोधित करते हुए कहा है कि मुझे इस बात की प्रसन्नता है कि बाबा महाकाल की नगरी से धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग का मुख्यालय संचालित होगा। उज्जैन के गौरव में वृद्धि करने आज का दिन इतिहास का एक नया अध्याय लिखेगा। बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन को एक नये शहर के गौरव देने का क्रम प्रदान किया है। हजारों वर्ष से उज्जैनी की एक अलग पहचान है। काल के प्रभाव में समय बदलता है। हर काल, हर युग, हर कल्प, हर समय और हर अवस्था में अगर इसी नगरी का अस्तित्व मिलता है, तो यह हमारी प्यारी नगरी अवंतिका है, जिसका हर युग में हर समय अपना अस्तित्व रहता है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि उज्जैन नगरी की बड़ी विशेषता है । हर काल में अलग-अलग नाम से विख्यात रही है। जिस युग में जैसा अनुभव आता हो इसकी मान्यता उसके अनुरूप हो जाती है। इसलिए उज्जैन के अनेक नाम हैं। एक नाम अवंतिका भी जिसका कभी अंत नहीं हुआ। एक नाम अमरावती जिसका अमरता से संबद्ध है। एक नाम पदमावती है यानी भगवान विष्णु की प्रिय नगरी। कनकवती, कुसुमवती, कनकश्रंगा अलग-अलग नाम से यह जानी गई। जब यहां स्वर्ण शिखर रहे होंगे तब इसे कनकश्रंगा कहा जाता था। अब उज्जयिनी है यानी उत्कृष्ट नगरी। यहां जो जितनी साधना करता है उससे कई गुना ज्यादा देने वाली नगरी है उज्जयिनी।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में पहली बार उज्जैन में कैबिनेट की बैठक हुई थी। इसी स्थान पर कैबिनेट का निर्णय हुआ था। प्रधानमंत्री श्री मोदी जी यहां पधारे। महाकाल लोक के लोकार्पण हुआ। सम्राट विक्रमादित्य रिसर्च सेंटर के प्रयासों से कई कार्यक्रम यहां से शुरू हुए। भारत के कई राज्यों में विक्रमादित्य महोत्सव का आयोजन किया गया। विक्रमादित्य और भर्तुहरी का महत्व सर्वज्ञात है। जब भोपाल राजधानी बनी तो हर नगर को मान मिला। उज्जैन को विक्रम विश्वविदयालय मिला। इंदौर को हाईकोर्ट, ग्वालियर को राजस्व का कार्यालय मिला और जबलपुर में हाईकोर्ट की मुख्य ब्रांच मिली।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कमिश्नरी का नया कार्यालय उज्जैन से संचालित होगा। बाबा महाकाल सहित सभी देव स्थानों के लिए धनराशि की मंजूरी इसी विभाग से होती है। मंदिरों के रख-रखाब की मंजूरी होती है। देव स्थान के लिए जाने वाली धर्मयात्राओं का संचालन इसी विभाग से होता है। मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना के लिए सूची का चयन और अन्य व्यवस्था भी यही विभाग करता है। मंदिरों के निर्माण के लिए भी 26 करोड़ रूपये का बजट भी इसी विभाग की कमिश्नरी के माध्यम से होगा। अब वायु सेवा को भी जोड़ दिया गया है। प्रयागराज, मथुरा, वृंदावन जैसे स्थानों पर हवाई यात्रा भी चालू की है। यह कमिश्नरी एक बड़ा रोल निभाएगी।

देवस्थलों के विकास के लिये 500 करोड का बजट प्रावधान

456041963 1048585266632983 3950306225262563507 n

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सलकनपुर, दतिया, औरछा सहित देव स्थानों का विकास किया जायेगा। प्रदेश में अलग-अलग देव स्थलों पर 13 लोक बनाए जा रहे हैं। मंदिर से जुडी सभी व्यवस्थाओं के लिए यह कार्यालय बेहतर प्रबंधन करेगा। संचालनालय खुलने के साथ दो निर्णय लिए गए हैं। एक निर्णय भगवान श्रीराम के चरण चिन्ह पड़े हैं वहां पर तीर्थ के रूप में विकसित करेंगे। भगवान श्रीकृष्ण की जहां-जहां लीलाएं हुई हैं वहां भी देव स्थान की तरह विकसित किया जायेगा और वे पर्यटन का केंद्र बने। यही संचालनालय अपनी भूमिका निभाएगा। इसके लिये 500 करोड की राशि बजट में रखी हैं। सिंहस्थ केवल उज्जैन का ही नहीं इंदौर धार्मिक केद्रों को बढ़ावा देने में बड़ी भूमिका अदा करेगा। मंदिरों के सभी पुजारियों के मानदेय की व्यवस्था भी की गई है।

उज्जैन में दो नए थाने की घोषणाएं

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने उज्जैन में दो नए थानों की घोषणा की। बाबा महाकाल लोक परिसर में  एक थाना होगा। साथ ही इंदौर रोड़ पर अनेक कॉलोनियां बन जाने से दूसरा थाना इंदौर रोड़ पर होगा। सभी पदों के साथ इसी वर्ष से इन दोनों थानों का शुभारंभ होगा।

400 होमगार्ड सैनिकों की हुई घोषणा

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने होमगार्ड सैनिक बढ़ाने की मांग को देखते हुए 400 नए होमगार्ड सैनिकों की स्वीकृति की घोषणा की। उन्होने कहा कि इससे सुरक्षा व्यवस्था और मजबूत होगी।

इस अवसर पर राज्यसभा सांसद बालयोगी उमेश नाथ, विधायक अनिल जैन कालूहेड़ा,सतीष मालवीय, उज्जैन नगर निगम की सभापति कलावती यादव, कलेक्टर नीरज सिंह सहित बड़ी संख्या में नागरिक शामिल हुए।


शेयर करें
advertisment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!