खरीफ वर्ष की तैयारियों की समीक्षा
सागर। किसान भाई डी ए पी की जगह एन पी के का उपयोग करें फसल का उत्पादन अच्छा मिलेगा जागरूकता अभियान भी चलाएं । उक्त निर्देश संभाग कमिश्नर डॉ वीरेंद्र सिंह रावत ने रवि वर्ष 2024-25 की समीक्षा एवं खरीद वर्ष 2025 की तैयारी हेतु प्रस्तावित संभागीय समीक्षा बैठक की तैयारी की समीक्षा करते हुए दिए। इस अवसर पर किसान कल्याण एवं कृषि विकास विभाग उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग, मछुआ कल्याण विभाग, पशुपालन एवं डेयरी विकास विभाग, मार्कफेड, सहकारी संस्थाएं, एमपी एग्रो, मध्यप्रदेश राज्य बीज निगम, पशुपालन विभाग कृषि विज्ञान केंद्र की वैज्ञानिक सहित अन्य विभागों की विभाग अधिकारी मौजूद थे।
प्रस्तावित संभागीय खरीफ वर्ष 2025 की बैठक की तैयारी की समीक्षा करते हुए संभाग कमिश्नर डॉक्टर बीरेंद्र सिंह रावत ने समस्त अधिकारियों को निर्देशित किया कि किसान भाइयों को जागरूकता अभियान चलाएं जिससे कि वह डीएपी के स्थान पर एनपीके का उपयोग करें और यह भी बताएं कि एनपीके का उपयोग करने पर किसी भी प्रकार का उत्पादन कम नहीं होगा ।
किसान भाइयों को खरीफ वर्ष 2025 में किसी भी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े इसके लिए पूर्व से सभी तैयारियां पूरी करें। उन्होंने कहा कि जिले में खाद्य उर्वरक की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जावे और आवश्यकता पड़ने पर मांग आपूर्ति बनाए रखें। उन्होंने कहा कि यदि कहीं भी मांग बढ़ती है और किसान भाई ज्यादा संख्या में आते हैं तो उनको टोकन प्रदान करें जिससे कि टोकन के हिसाब से समय पर आसानी से खाद उर्वरक प्राप्त हो सके। उन्होंने नरवाई प्रबंधन पर की गई कार्रवाई एवं सुपर सीडर हैप्पी सीडर की उपलब्धता की भी जानकारी प्राप्त की और निर्देश दिए कि सुपर सीडर एवं हैप्पी सीडर का अधिक से अधिक उपयोग किया जाए एवं इसका जिले के सभी ग्रामों में कम से कम एक पात्र किसान का पंजीयन भी किया जाए।
संभाग कमिश्नर डॉक्टर वीरेंद्र सिंह रावत ने समस्त अधिकारियों को निर्देशित किया कि शासन की समस्त योजनाओं का लाभ हितग्राही किसानों को मिले और कोई भी इससे वंचित नहीं रहें। हितग्राहियों के खाते खुलवाकर उनको आधार एवं समग्र आईडी से ई-केवायसी करवाना सुनिश्चित करें। सहकारिता बैंक अधिकारी कृषि ऋण वसूली में तेजी लायें। कृषि उत्पादन में वैज्ञानिक तकनीकों का प्रयोग करें और नवाचार को अधिक से अधिक बढ़ावा देंने के लिए अधिक से अधिक प्रचार प्रसार करें। फसल उत्पादन के लिए किसान डीएपी उर्वरक के विकल्प के रूप में जैविक खाद का इस्तेमाल करें।
उन्होंने कहा कि किसानों को बेहतर उत्पादन के लिए मिट्टी परीक्षण करने के लिए प्रेरित करें। किसानों की सुविधाओं को सुनिश्चित करने के लिए भण्डारण केन्द्र पर पर्याप्त विश्राम शेड की व्यवस्था की जायें। किसानों को ई-मण्डी में अपने भुगतान के लिए अधिकतम 5 घंटे से अधिक समय नहीं लगें। सहकारी बैंकों में समितियों के खातों के साथ-साथ उनके सदस्यों के भी खाते खुलवायें।