कुपोषण
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कुपोषण के विरुद्ध युद्ध में मध्यप्रदेश मिशन मोड पर सक्रिय: मुख्यमंत्री डॉ. यादव

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि कुपोषण के विरुद्ध युद्ध में मध्यप्रदेश मिशन मोड पर सक्रिय है। मुख्यमंत्री बाल आरोग्य संवर्धन कार्यक्रम के सफल क्रियान्वयन के फलस्वरूप मध्यप्रदेश में कुपोषण के आंकड़ों में बड़ी गिरावट आई है। कुल कुपोषण के स्तर में गिरावट वाले राज्यों में मध्यप्रदेश दूसरे स्थान पर है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे रिपोर्ट के अनुसार मध्यप्रदेश में कम वजन वाले बच्चों के आंकड़ों में 45 फीसदी, दुबलापन के आंकड़ों में 45.9 फीसदी, गंभीर दुबलापन में 48.7 फीसदी एवं ठिगनापन में 28.7 फीसदी की कमी दर्ज की गई है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार बच्चों के पोषण स्तर में सुधार लाने के लिए मिशन मोड में कार्य कर रही है और यह उपलब्धि कुपोषण के विरुद्ध प्रदेश की जीत का शंखनाद है।

कुपोषण क्या हैं?

शरीर के लिए आवश्यक सन्तुलित आहार लम्बे समय तक नहीं मिलना ही कुपोषण है। कुपोषण के कारण बच्चों और महिलाओं की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है, जिससे वे आसानी से कई तरह की बीमारियों के शिकार बन जाते हैं। अत: कुपोषण की जानकारियाँ होना अत्यन्त जरूरी है। कुपोषण प्राय: पर्याप्त सन्तुलित अहार के आभाव में होता है। बच्चों और स्त्रियों के अधिकांश रोगों की जड़ में कुपोषण ही होता है। स्त्रियों में रक्ताल्पता या घेंघा रोग अथवा बच्चों में सूखा रोग या रतौंधी और यहाँ तक कि अंधत्व भी कुपोषण के ही दुष्परिणाम हैं। इसके अलावा ऐसे पचासों रोग हैं जिनका कारण अपर्याप्त या असन्तुलित भोजन होता है।


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