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स्वावलंबी गौशालाओं को शीध्र निर्माण कर संचालित करें – कृषि उत्पादन आयुक्त वर्णवाल

सागर ।स्वावलंबी गौशालाओं को शीघ्र निर्माण कर संचालित करें, कृत्रिम गर्भाधान को प्रोत्साहित कर अधिक से अधिक कृत्रिम गर्भाधान कराएं एवं राष्ट्रीय गोकुल मिशन अंतर्गत मैत्री प्रशिक्षण प्रत्येक ग्राम पंचायत में आयोजित करें, साथ ही स्मार्ट फिश पार्लर का निर्माण कराएं। उक्त निर्देश कृषि उत्पादन आयुक्त अशोक वर्णवाल ने पशुपालन डेयरी विकास एवं मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विभाग की समीक्षा करते हुए दिए। इस अवसर पर उमाकांत उमराव प्रमुख सचिव पशुपालन डेयरी विकास, सत्येन्द्र सिंह सचिव पशुपालन डेयरी विकास, संभाग कमिश्नर डा. वीरेन्द्र सिंह रावत, सागर कलेक्टर संदीप जी आर, सहित समस्त जिलो के कलेक्टर, जिला पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारी तथा संबंधित विभाग के विभाग अधिकारी एवं लाभान्वित हितग्राही मौजूद थे।

कृषि उत्पादन आयुक्त अशोक वर्णवाल ने कहा कि स्वावलंबी गौशाला का निर्माण कर आवारा गौवंश को रखें और किसी निजी संस्था से संचालित कराएं। एक गौशाला में स्थान के अनुसार कम से कम 5 हजार अधिकतम 25 हजार गौवंश को रखा जावे। उन्होंने सागर कलेक्टर संदीप जी आर की सराहना करते हुए कहा कि सागर कलेक्टर द्वारा तत्काल कार्यवाही करते हुए सागर के देवल ग्राम में 178 हेक्टेयर भूमि चिन्हित कर गौशाला का कार्य प्रारंभ कराया गया। उन्होंने कहा कि चलित पशु चिकित्सालय के माध्यम से अधिक से अधिक गौवंश का इलाज किया जावे इन चिकित्सालयों के माध्यम से अभी तक गौवंश को सुरक्षित कराया गया है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय पशु धन योजना के माध्यम से मुर्गी पालन, बकरी पालन, सुकर पालन एवं चरी चारा विकास योजना के प्रकरणों का निराकरण बैंक के माध्यम से तत्काल कराएं । आचार्य विद्यासागर गौ-सवंर्धन योजना एवं डा. भीमराव अम्बेडकर कामधेनु योजना में अधिक से अधिक पशु पालको के आवेदन कराएं और आवेदनों का निराकरण कराएं। डा. भीमराव अंबेडकर योजना में आय की कोई सीमा नहीं है। सभी व्यक्तियों के साथ जो आयकर दाता भी है। वह भी आवेदन कर सकते है। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश स्टेट दूध डेयरी विभाग के द्वारा दुग्ध समितियों और उनके सदस्यों के बैंक खाते सहकारी बैंक में संधारित कराएं। इसी प्रकार नवीन मिल्क पार्लर की आवश्यकता अनुसार उनकी स्थापना कराएं।

पशुपालन एवं डेयरी विभाग की समीक्षा में बताया गया कि राष्ट्र का 9 प्रतिशत दुग्ध उत्पादन मध्यप्रदेश में होता है। राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम के क्रियान्वयन में मध्यप्रदेश देश में अव्वल है। प्रत्यारोपण तकनीकी से गायों के नस्ल सुधार कार्यक्रम में प्रदेश में अच्छा कार्य हो रहा है। पशुपालकों से मात्र 100 रुपए के शुल्क पर गायों का नस्ल सुधार किया जाता है। इससे पशुपालकों को अच्छी आय प्राप्त हो रही है। सभी कलेक्टर को निर्देश दिए गए कि वे इस योजना का अधिक से अधिक लाभ पशुपालकों को दें। कुक्कुट पालन एवं बकरी पालन से भी पशुपालकों को अच्छी आमदनी होती है, इसके लिए भी उन्हें प्रेरित किया जाए।

मत्स्य विभाग की समीक्षा में प्रमुख सचिव उमाकांत उमराव ने बताया की प्रदेश में मुख्य रूप से प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना, मुख्यमंत्री मछुआ समृद्धि योजना और मछुआ क्रेडिट कार्ड योजना संचालित है। सभी योजनाओं में निर्धारित लक्ष्य प्राप्ति के निर्देश कृषि उत्पादन आयुक्त द्वारा दिए गए। मछुआ पालन की नई तकनीकी के इस्तेमाल के लिए मत्स्य पालक किसानों को प्रेरित किया जाए। समीक्षा बैठक में टीकमगढ़ से आये हितग्राहियों ने अपनी सफलता की कहानी वीडियो के माध्यम से बताई ।


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