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राज्यपाल मंगू भाई पटेल ने गुरुवार को सागर जिले के गढ़ाकोटा में वर्षों से आयोजित हो रहे तीन दिवसीय रहस लोकोत्सव मेला और विशाल आदिवासी सांस्कृतिक सम्मेलन का शुभारंभ किया । उन्होंने मेले को लोक कला और संस्कृति को जीवित रखने का सार्थक प्रयास बताया। उन्होंने कहा कि रहस मेले जैसे आयोजन से युवा पीढ़ी तो लोक संस्कृति से परिचित होती ही है, साथ ही हमारी संस्कृति, सभ्यता और परंपरा भी संरक्षित होती है । शुभारंभ कार्यक्रम में आयोजक लोक निर्माण मंत्री गोपाल भार्गव, खनिज साधन और श्रम मंत्री ब्रजेन्द्र प्रताप सिंह , गौरव सिरोठिया, संभागायुक्त मुकेश शुक्ला, आईजी अनुराग, कलेक्टर दीपक आर्य, पुलिस अधीक्षक तरुण नायक सहित अनेक जनप्रतिनिधि भी उपस्थित थे।

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राज्यपाल मंगू भाई पटेल ने कहा कि लोक निर्माण मंत्री द्वारा गढ़ाकोटा में आयोजित रहस लोकोत्सव से जनजातीय समाज को शासन की लोक कल्याणकारी योजनाओं का लाभ दिलाना भी अनुकरणीय पहल है । राज्यपाल ने गढाकोटा को साधु-संतों सहित स्वतंत्रता सेनानियों का गढ़ भी बताया । उन्होंने कहा कि लोकोत्सव मेला प्रारंभ कर सागर क्षेत्र का विकास एवं बुंदेली परंपराओं को सहेज कर उसको आगे बढ़ाना अनुकरणीय कार्य है । सभी को विशेषकर इस वर्ग के युवाओं को रहस मेले के माध्यम से जनजातीय समाज के व्यक्तियों को शासन की लोक कल्याणकारी योजनाओं का लाभ दिलाना चाहिये ।

उन्होंने कहा कि अपने कुल की वीर बलिदानियों को याद रखने के लिए यह मेला यादगार साबित होगा । उन्होंने कहा कि महारानी दुर्गावती, शंकर शाह, रघुनाथ शाह, तात्या भीम , भीमा नायक सहित अनेक ऐसे बलिदानी रहे जिनको आज हमें याद रखना होगा। उन्होंने जनजातीय उत्थान में केंद्र व राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों को गिनाते हुए कहा कि इन प्रयासों के माध्यम से जनजातीय समाज अवश्य आगे बढ़ेगा। राज्यपाल ने उज्जवला योजना, गुजरात की वन बंधु कल्याण योजना के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी।

इस अवसर पर लोक निर्माण मंत्री गोपाल भार्गव ने लोगों से कहा कि रहस लोकोत्सव मेला में आनंद के साथ शासन की लोक कल्याणकारी योजना का लाभ अवश्य प्राप्त करें । उन्होंने कहा कि शीघ्र ही एक आयोजन और होगा ,जिसमें मैं क्षेत्र की कन्याओं की पैर पखारूँगा । उन्होंने कहा कि हमें अपने उन वीर बलिदानियों को हमेशा याद रखना चाहिए ,जिनके कारण आज हम इस मुकाम पर हैं । उन्होंने कहा कि 214 वर्ष पुराने इस रहस मेले को सहेज कर रखने में सभी का सहयोग मिल रहा है । मंत्री ने क्षेत्र में जनजातीय संग्रहालय शुरू करने, रानी दुर्गावती, शंकर शाह, रघुनाथ शाह की प्रतिमाएं स्थापित करने, कन्यादान महोत्सव करने की बात कही।

खनिज साधन मंत्री ब्रजेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा कि गढ़ाकोटा साधु संतों का ही नही स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का भी गढ़ रहा है। शीघ्र ही प्रसिद्ध कथा वाचक राजेंद्र दास की कथा भी यहां आयोजित होगी। बुंदेलखंड में गढ़ाकोटा, बसारी एवं हटा में प्राचीन संस्कृति को बचाने का जो प्रयास किया जा रहा है, वह सराहनीय है। 


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