राजगढ़ जिले के कोटरी कला मे रहने वाली बेटी कु.सेवंती मीणा का एमपीपीएससी सहायक प्राध्यापक परीक्षा 2022 में चयन हुआ। वह एक गांव के किसान परिवार कि बेटी हैं आज उन सभी माता पिता के लिए एक उदाहरण बन गई है जो बेटियों को पढ़ाते हैं । उन्होंने गांव में रहने वाली बच्चियों को एक नया सपना देखने व साकार करने का काम किया है तथा वह बच्चियों के लिए एक प्रेरणा का स्त्रोत बन गई है जो घर परिवार से दूर रहकर शहर में पढ़ाई करती है और जो लक्ष्य निर्धारित करती है उसे पूरा करने के लिए सतत मेहनत करती है। गौरतलब है कि उन्होंने अपनी पांच तक कि पढ़ाई गांव के विद्या निकेतन हायर सेकंडरी स्कूल से कि इसके बाद की 12वी तक की पढ़ाई जवाहर नवोदय विद्यालय राजगढ़ से हुई स्नातक की पढ़ाई नूतन कॉलेज भोपाल से हुई और स्नाकोत्तर अटल बिहारी वाजपेयी कॉलेज इंदौर से हुई
यूजीसी नेट की परिक्षा 2022,2023 तथा 2024 में लगातार तीन बार सफलता प्राप्त कि पीजी की पढ़ाई के साथ साथ इंदौर में रहते हुए उन्होंने एमपीपीएससी की तैयारी करने के उपरांत एम पी पी एस सी का दो बार मैंस परिक्षा में भी सम्मिलित हो चुकी है कुछ समय उन्होंने डी ए वी वी कॉलेज में भूगोल विषय भी पढ़ाया।
कु. सेवंती मीणा ने अपनी सफलता का श्रेय माता पिता, भाई, शिक्षको, साथियों, सतत मेहनत व जवाहर नवोदय विद्यालय परिवार को दिया। उनका कहना है की उनकी इस उपलब्धि में नवोदय विद्यालय का अहम भूमिका रही है।
नवोदय में बच्चो का सर्वांगीण विकास होता है उन्होंने कहा कि गांव के बच्चो के लिए नवोदय विद्यालय एक ऐसा प्लेट फार्म है जहा पर नवोदय विद्यालय के शिक्षकों के द्वारा बहुत ही अच्छा मार्गदर्शन प्राप्त होता है और नवोदय में शिक्षक सभी छात्रों की जिज्ञासा को ध्यान से सुनते हैं व उनका उचित उत्तर भी देते हैं
उन्होंने बताया कि नवोदय में पढ़ने के दौरान जो डिसिप्लिन, समझ जो एक नवोदयन में विकसित होती है वह नवोदियन को किसी भी क्षेत्र में सफलता दिलाने में अहम भूमिका निभाती है। हम नवोदयन स्कूल से तो बाहर निकल गए पर एक नवोदियन के अंदर से नवोदय नही निकल सकता है हम नवोदय परिवार (एल्यूमेनी) के सभी छात्र सीनियर, जूनियर एक साथ जुड़े रहते हैं व एक दूसरे की बिना किसी स्वार्थ के हर संभव मदद भी करते हैं उन्होंने इस उपलब्धि के लिए नवोदय परिवार को धन्यवाद दिया
अंतिम चयन सूची में नाम आने के बाद जब उन्होंने घर पर पिता जी को फोन कर बताया तो पिता जी ने कहा कि हमे तो विश्वास था बेटा तुम्हारी मेहनत पर यह पल उनके लिए काफ़ी भाव भिहिने कर देने वाला था क्यों कि इस पल के लिए वह काफी सालों से मेहनत कर रही थी हर विद्यार्थी का घर से निकलते वक्त एक सपना होता है की वह जब पढ़ाई पूर्ण कर लोटे तो उसके पास एक अच्छी जॉब हो और आज उनके लिए यह पल था जो सभी प्रियजनों को खुशी देने वाला था।
इसके बाद जब गांव परिवार व दोस्तों को सोशल मीडिया के द्वारा पता चला तो उनको प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रुप से बधाई संदेश प्राप्त हुए।उनके पिता बाला प्रसाद मीणा एक किसान होते हुए बेटी को शिक्षा के लिए इंदौर भेजा वह स्वय इतना नहीं पढ़े हैं लेकिन उन्होंने बेटी को खूब पढ़ाया तथा “बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ” के नारे को भी साकार किया है । चयन सूची में नाम आने के बाद इंदौर में रहने वाली उनके हास्टल सहपाठियों ने मिष्ठान खिलाकर बधाई दी।उनके सभी प्रियजनों ,शुभचिंतकों एवं शिक्षकों ने शुभकामनाएं सन्देश के साथ उनके उज्जवल भविष्य भी कामना की ।
