छतरपुर/विन्द्रावन विश्वकर्मा
छतरपुर। जिला केन्द्रीय सहकारी बैंक इस समय चर्चा का विषय बना हुआ है। पहले समिति प्रबंधकों की फर्जी नियुक्ति का मामला उजागर हुआ तो उसमें पूर्व सीईओ सहित दो कर्मचारियों को निलंबित किया गया। परंतु इस नियुक्तियों में वर्तमान अध्यक्ष करुणेन्द्र प्रताप सिंह एवं उपाध्यक्ष जयकृष्ण चौबे के अलावा पूर्व प्रभारी सीईओ सुरेश रावत के खिलाफ अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की गई। जिसका विरोध पूर्व महाप्रबंधक रामविशाल पटैरिया के द्वारा पत्रकारों से चर्चा करते हुए की गई। उन्होंने कहा कि सभी नियुक्तियां संयुक्त पंजीयक सागर एवं डीआर छतरपुर के मार्गदर्शन एवं उनके अनुमोदन के पश्चात की गई थीं और इस समिति में कई अैार कमेटी मेंबर थे उनके खिलाफ अभी तक क्यों कार्यवाही नहीं की गई। हालांकि पंजीयक मनोज कुमार सरेआम ने जेआर सागर को एक पत्र लिखकर अध्यक्ष करुणेन्द्र प्रताप सिंह और उपाध्यक्ष जयकृष्ण चौबे के खिलाफ सोसायटी अधिनियम के तहत कार्यवाही करने के लिए लिखा है। कुल मिलाकर अवैधा नियुक्तियों के संबंध में बैंक के कर्मचारी आपस में दो फाड़ हो चुके हैं। एक पक्ष का कहना है कि नियुक्तियंा शासन के निर्देश के बाद की गई हैं वहीं दूसरे पक्ष का कहना है कि नियुक्तियां अवैध हैं और उन्हें निरस्त कर दिया गया है। वहीं बैंक में किसानों के कर्ज माफी की राशि में कई समिति प्रबंधकों द्वारा गबन किया गया है और कई समिति प्रबंधकों ने बैंक को राशि भी वापस कर दी है अभी हाल ही में बकस्वाहा के शाखा प्रबंधक एवं समिति प्रबंधक के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जा चुकी है। मिली जानकारी के अनुसार एक दो दिन में रजिस्ट्रार के द्वारा बैंक के जनप्रतिनिधियों के साथ ही समिति प्रबंधकों के खिलाफ सख्त कार्यवाही होने की संभावना है।