राहतगढ़ में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के उपलक्ष्य में शोभायात्रा एवं मेधावी विद्यार्थी प्रतिभा सम्मान कार्यक्रम सम्मिलित हुए मंत्री गोविंद सिंह राजपूत
सागर । सत्य, अहिंसा, और प्रेम ही जीवन के सच्चे मार्ग हैं।
जीवन में आगे बढ़ने के लिए सभी को भगवान श्रीकृष्ण के जीवन से जुड़ी तमाम बातों का अध्ययन करना चाहिए, इससे हमें उचित मार्गदर्शन प्राप्त होता है। भगवान श्रीकृष्ण हमें कर्म, धर्म और जीवन के मार्ग पर मार्गदर्शन करते हैं। यह बात मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने राहतगढ़ में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के उपलक्ष्य में यादव महासभा द्वारा आयोजित शोभायात्रा एवं मेधावी विद्यार्थी सम्मान समारोह कार्यक्रम के दौरान कहीं।
इस अवसर पर मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने यादव समाज के निर्माणाधीन भवन के लिए आंतरिक 25 लाख रुपए की राशि स्वीकृत की। साथ ही 65 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त करने वाले यादव समाज के 85 मेधावी विद्यार्थियों के लिए दो-दो हजार की प्रोत्साहन राशि दी एवं उन्हें शील्ड और प्रमाण पत्र वितरित किए। इस दौरान उन्होंने कारसदेव बब्बा के चबूतरे का लोकार्पण भी किया। उन्होंने विद्यार्थियों को कठिन समय में धैर्य रखने एवं भगवान श्री कृष्ण के आदर्शों पर चलने और भगवत गीता का अध्ययन करने की बात कहीं। उन्होंने कहा कि हमारा अधिकार कर्म पर ही है, फल पर नहीं। इंसान को हमेशा अच्छे कर्म करने चाहिए। अच्छे कर्म का फल जरूर मिलता है। भगवान श्रीकृष्ण का स्वभाव बेहद नटखट है। लेकिन वह हमेशा विपरीत परिस्थिति में शांत रहकर सही समय आने की प्रतिक्षा करते थे। इस बात से हमें सीख मिलती है कि स्थिति कैसी भी हो यदि आप शांत रहते है तो समय भी आपका साथ देता है, और उस परेशानी का हल आसानी से निकल आता है।
मंत्री राजपूत ने आगे कहा कि जीवन जितना साधारण होगा, उसे जीने में उतना ही अधिक आनंद आता है। ऐसा जीवन व्यक्ति की आत्मनिर्भरता को बढ़ाता है। भगवान श्रीकृष्ण बहुत सादा जीवन जीते थे। ठीक ऐसे ही हमें भी साधारण जीवन जीना चाहिए। व्यक्ति के पास भले कितना ही ऊंचा पद हो व पैसों की भरमार हो, उसे कभी घमंड नहीं करना चाहिए। उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का उदाहरण देते हुए कहा कि वह इतने बड़े पद पर होकर भी विनम्र और शालीन है। वह लगातार आमजनों के हित के लिए काम कर रहे हैं। हमारे मुख्यमंत्री गरीबों के दुख दर्द को भली भांति समझते हैं।