नरसिंहपुर। नारी सशक्तिकरण केवल एक विचार नही बल्कि एक क्रांति है, जो समाज में महिलाओ को समानता, स्वतंत्रता और आत्मानिर्भरता प्रदान करने के लिए जरूरी है नारी ही न्याय का प्रतीक है, नारी सशक्तिकरण से ही मानव की जीत होना तय है, और कहा भी गया है कि जिस स्थान पर नारी सशक्त नहीं होती उस स्थान को शमशान बनते देर नहीं लगती, सभी महिलाओं की प्रेरणास्रोत अनुविभागीय अधिकारी पुलिस गोटेगाव भावना मरावी एवं
ब्रह्म कुमारी बहन प्रीति एवं कथा वाचक प्रीति का हमारे बीच संकट मोचन मन्दिर में आगमन हुआ, उनके द्वारा बढ़ते अपराध पर चिंता व्यक्त की गई और परिवार में बच्चों की गतिविधियों पर नज़र रखने एवं परिवार का माहौल बेहतर हो इस पर उन्होंने समझाया और प्रीति बहन ने बताया की संस्कारों से ही व्यक्ति की पहचान होती है संस्कार इंसान की अमूल्य पूंजी होती है, विद्यालय से पहले घर से ही संस्कार का बीजारोपण होता है, इसके लिए घर के बड़े बुजुर्गों से ही सीख मिलती है, इस अवसर पर सभी मातृशक्तिओं ने अपने अपने विचार प्रस्तुत किये शाम्भवि नेमा द्वारा गणेश वंदना और अन्य बच्चों द्वारा मोहक प्रस्तुति दी, इस प्रसन्नतापूर्ण वातावरण में गीता पचौरी अहिल्या श्रीवास्तव स्नेहलता श्रीवास्तव, निशा पचौरी, मंजू गुप्ता, सुमन गुप्ता स्नेहलता भनारे, अंजना उपाध्याय, नंदनी जौहरी, यशोदा मेहरा माया ठाकुर, संगीता पटेल, श्रद्धा गुप्ता, चांदनी विश्वकर्मा, मनीषा नेमा एवं अन्य मातृशक्तिओं व नन्हे मुन्ने की उपस्थिति रही।
