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राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अन्तर्गत नवजात शिशु में जन्मजात विकृति की पहचान संबंधी जिला स्तरीय एक दिवसीय प्रशिक्षण संपन्न

सागर/राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अन्तर्गत नवजात शिशु में जन्मजात विकृति की पहचान संबंधी जिला स्तरीय एक दिवसीय प्रशिक्षण एक निजी होटल सागर में किया गया। जिले के आरबीएसके मेडीकल आफीसर, जिला चिकित्सालय के नर्सिंग आफीसर, फार्मासिस्ट, एएनएम, प्रशिक्षण में सम्मिलित हुये । डॉ. एम.एल. जैन जिला टीकाकरण अधिकारी सागर ने बताया कि नवजात शिशु में जन्मजात विकृति की पहचान डिलेवरी प्वांट में देखरेख की जाना बहुत जरूरी हैं ताकि विकृति की पहचान कर आगामी देखभाल की जा सके।

डॉ. आर. एस. जयंत सिविल सर्जन ने बताया कि मां को समझाना कि शिशु स्तनपान कर रहा है कि नहीं, मां को करके बताना ताकि वह सीख कर सही तरीके से स्तनपान करा सके पहयान भी हो सके की शिशु को किसी भी प्रकार की परेशानी तो नहीं हो रही हैं। डॉ. अमित दुबे राज्य स्तर के मास्टर ट्रेनर ने कहा कि डिलेवरी प्यांट में जन्मजात विकृति की पहचान प्रारर्थिक अवस्था होती महीं से निदान किया जा सकता है।

डॉ. सौरभ जोशी राज्य स्तर के मास्टर ट्रेनर ने कहा कि आपको कार्य क्षेत्र में नवजात शिशु में जन्मजात विकृति संबंधी प्रकरण आते है उन प्रकरणों को सही मार्गदर्शन एवं उपचार व्यवस्था स्वास्थ्य सेवायें, रिफरत सेवायें, उन्नी जिला शीघ्र हस्क्षेप फेन्द्र को भेजकर प्रबंधन करना, परामर्श देना आदि सेवायें हितग्राही को प्रदान किया जावे। डॉ. अभिषेक यादव जिला सर्वलेस आफीसर सागर ने बताया कि जन्मजात विकृति सर्वप्रथम पहचान की जावे उसके उपरान्त ही परामर्श और उपचार की व्यवस्था की जानी चाहिए।

डॉ. जे.एस. धाकड़ जिला स्वास्थ्य अधिकारी-1, सागर ने उपस्थित प्रशिक्षणार्थी को नवजात शिशु में जन्मजात विकृति जैसे-न्यूटल टूयव डिफेक्ट, जन्मजात विकृति का समय पर उपचार प्रदान करना, कटे होंठ, एवं कटे तालू, बच्चों में जन्मनात हृदय संबंधित समस्या रोकथाम, जन्मजात बहरापन, शारीरिक एवं मानसिक विकास में कमी, आदि की पहचान एवं उपचार प्रदान किया जाना हैं, और माता-पिता को सलाह एवं परामर्श प्रदान करना, क्षेत्र से उक्त पीडित को जिला शीघ्र हस्क्षेप केन्द्र सागर को भेजना ताकि केन्द्र के प्रबंधक द्वारा उचित उपचार, जांच, परामर्श दिया जाकर हितग्राहीचों को समय पर सेवायें मिल सकें इस प्रशिक्षण का मुख्य उद्द्देश्य यही है। विक्रम सिंह ठाकुर प्रभारी डीईआईसी, एवं समस्त स्टाफ उपस्थित रहा। डीसीएम, एपीएम, बीपीएम, बीसीएम, एम एंड ई ओ, सुपरवाईजर, एएनएम, आशा कार्यकर्ता उपस्थित रहे।


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