सागर। हेमन्त आजाद,लेखक ,स्वतंत्र पत्रकार एवं समाजसेवी
अपने प्राकृतिक सौंदर्य के लिए देश मै अपनी अलग पहचान बनाये बुंदेलखंड के सागर में 27 सितम्बर को रीज़नल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव आयोजन होने जा रहा है जिसमें देश विदेश से उद्योगपति और निवेशक अतिथियों का आना प्रस्तावित है। देश में बुंदेलखंड अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए पहचाना जाता है।
निवेशकों को सागर संभाग में निवेश करना और उद्योगिक रुचि रखने के लिए सागर संभाग काफी मुनाफे का अवसर होगा।
देश के सभी परिवहन सेवा से जुड़ा बुंदेलखंड संसाधनों का गढ़ है।
अगर हम बात करें बुंदेलखंड में औद्योगिक विकास नीति की तो यहां पर प्राकृतिक संसाधनों के साथ प्रशासनिक व्यवस्था भी बहुत ही सुंदर तरीके से औद्योगिक नीतियों का सहयोग करती है ।
एक जिला एक उत्पाद के अंतर्गत दुनिया में सबसे ज्यादा उपयोग होने वाले कृषि यंत्रों के लिए सागर जिले का चयन किया गया है सागर जिले के खुरई विकासखंड में औद्योगिक दृष्टि से कृषि यंत्रों के साथ-साथ शरबती गेहूं का भी उत्पादन होता है खुरई के कृषि यंत्र समूचे भारत के साथ विश्व के अन्य देशों में भी निर्यात किए जाते हैं इसी प्रकार ‘सागर में फर्नीचर क्लास्टर’ के लिए जाना जाता है!
सागर को सागौन की लकड़ी और आकर्षित फर्नीचर के लिए पहचाना जाता है! सागर जिले में लकड़ी के व्यवसाय में कारीगरों की संख्या भी बहुत अधिक उपलब्ध है।
सीट कवर आदि के कुशल कारीगर भी सागर में है।सागर का गुजराती नमकीन, के साथ चिरौंजी की बर्फी भी देश विदेश में प्रसिद्ध है।
जिले में बीड़ी उद्योग कुटीर उद्योग के रुप में उपस्थित है। अगरबत्ती निर्माण उद्योग भी इसी प्रकार घर घर रोजगार का साधन है।
सागर में हम आभूषण निर्माण के लिए निवेश अवसर देख सकते हैं चांदी का कारोबार भी अच्छा कारोबार है सागर में। सागर सुनार बाजार इसकी पहचान है। फैशन के इस दूर मैं आभूषण निर्माण इकाई भी अच्छा व्यापार है। पर्यटन की दृष्टि से भी सागर में काफी संभावनाएं हैं सागर में गढ़पहरा प्राचीन स्थल, किला, आपचंद की गुफाएं, प्राचीन शिला लेख, नोरादेही अभयारण्य, एरेन, लाखा बंजारा झील, केंद्रीय विश्व विद्यालय, ओशो रजनीश स्थल मकरोनिया, इसी तरह सनोधा, खिमलासा, मालथोन, गड़ाकोट, रहली भी बहुत सुंदर पर्यटन स्थल है।
मध्य प्रदेश पर्यटन विभाग भी सागर शहर में एक होटल और आंचलिक कार्यालय खोलने पर कार्य कर रहे हैं।
जिले में देवरी विकासखंड में रेशम उत्पादन किए जा रहा है। जो अच्छे मुनाफे का व्यवसाय रहा है।
इसी प्रकार से फूल उत्पादन, साग उत्पादन भी अच्छा व्यापार है।
सागर जिले के रहली विकासखण्ड में प्याज उत्पादन और टमाटर उत्पादन किसान करते हैं।
खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों के लिए यहां अच्छा माहौल रहली विकास खण्ड में उपलब्ध है।
इसी तरह सोयाबीन, आलू, गोभी गाजर, उत्पादन भी अच्छा है!
सागर जिले के बीना विकासखंड में भारत ओमान रिफाइनरी 2009 से उत्पादन कर रही है। और स्थानीय युवाओं को रोजगार उपलब्ध करा रही है। वर्ष 2023 मै 50 हजार करोड़ की बीना पेट्रोल उत्पादन क्षमता इकाई का भी माननीय प्रधानमंत्री जी ने शिलान्यास कर दिया है।
जिससे रोजगार उपलब्ध होगे।
संभाग में हर जिले में प्रकृति ने बुंदेलखंड को संसाधनों प्रचुर मात्रा में उपलब्धता प्रदान की है।
दमोह जिले में नरसिंगगढ़ में सीमेंट फैक्ट्री है। इसके साथ ही दमोह में पर्यटन उद्योग में काफी संभावनाएं हैं।
संग्रामपुर आज विश्वपटल पर देखा जाता है।
बांदकपुर धाम अलग पहचान है दमोह जिले की नोहटा महोत्सव हर वर्ष सांस्कृतिक विभाग आयोजित करते है।
टीकमगढ़ जिले में धातु कला अंतर्गत धातु की मूर्तियों का निर्माण किया जाता है। वर्तमान में 100 से अधिक परिवार इस व्यवसाय से जुड़े हैं।
सरकार ने इस कला के कलाकारों को विदेश में भी कला दिखने और प्रदर्शनी के लिए भी भेजा है।
टीकमगढ़ जिले के कुंडेश्वर धाम प्रदेश का एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है हर वर्ष विशाल मेले का आयोजन यहां होता है।
बल्देवगढ़ में मत्स्य पालन और मत्स्य बीज उत्पादन होता है जो प्रदेश में प्रसिद्ध है।
अशरू माता मंदिर धाम भी टीकमगढ़ जिले में स्थित है।
पिपरोदा में जैन मंदिर धाम भी प्रसिद्ध है।
निवाड़ी जिले में प्रसिद्ध ओरछा धाम स्थित है जो विश्व प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है।
जहां पर्यटन उद्योग काफी सफल है।
होम स्टे आज ओरछा में सफल है।
निवाड़ी जिले में हतकरघा गृह निर्माण उद्योग है जिले के तरीचरकलां, जीरोन खालसा, और कारी कस्बे में काफी बुनकर परिवार इस से जुड़े हैं।
छतरपुर जिले का लकड़ी का फर्नीचर देश विदेश में प्रसिद्ध है जो एक जिला एक उत्पाद में सम्मलित हैं।
वर्तमान में छतरपुर जिले में 500से ज्यादा फर्नीचर इकाई निर्माण कार्य कर रही है जिससे 4500 से अधिक कारीगरों को रोजगार प्राप्त हो रहा है।
छतरपुर जिला पर्यटन स्थल के लिए विश्व प्रसिद्ध है खजराहो में एक एयर पोर्ट है जो संभाग का एक मात्र चालू एयर पोर्ट है। खजराहों के चंदेल कालीन मंदिर देखने दुनिया भर से लोग आते हैं।
वर्तमान में छतरपुर से 22किलो मीटर दूरी पर बागेश्वर धाम भी धार्मिक स्थल प्रसिद्ध है। यहां भी लोग देश के कोने कोने से आते हैं। छतरपुर जिले के विजावर में शिव मंदिर धाम भी प्रसिद्ध है तो वाजना में भीमकुंड एक विश्व प्रसिद्ध स्थल है।
इसी तरह छतरपुर में महुसानिया में महाराजा छत्रसाल म्यूजियम भी प्रसिद्ध है।
नौगांव का केन्द्र बिन्दु भी प्रसिद्ध है जहा से आप भारत में कही भी जा सकते हैं।
अपनी प्राचीन कला संस्कृति को सजोए छतरपुर जिला बुंदेली संस्कृति का केन्द्र है विविध भारती अकाशवाणी का सब स्टेशन छतरपुर की पहचान है।
पन्ना जिला भी प्राकृतिक सौंदर्य का केन्द्र है पन्ना टाइगर रिजर्व बाघों के लिए प्रसिद्ध है।
एनएमडीसी द्वारा विशाल खनन इकाई भी पन्ना में स्थित है।
वैसे तो पन्ना जिले की पहचान जिले की धरती से निकलने वाले हीरो और धातु के लिए है।
पर धार्मिक महत्व भी अलग पहचान बनाये है पन्ना के जुगल किशोर मंदिर प्रदेश में प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है।
विभिन्न संस्कृति मेले के लिए पन्ना जिला प्रसिद्ध है।
बुंदेलखंड में सोयाबीन की फसल संभाग के सभी जिलों में अच्छी उत्पादन में होता है।
इसी प्रकार से हस्तशिल्प कला उद्योग की यहां काफी संभावनाएं हैं।
फिल्म, नाटक, विज्ञापन के लिए फिल्म सिटी का भी यहां निर्माण कराया जा सकता है।
बुंदेलखंड के सागर संभाग में आटो मोबाइल, आईटी, फूड प्रोसेसिंग आदि बड़े उद्योगों को पर्याप्त संसाधन उपलब्ध है। ग्रामीण विकास विभाग द्वारा भी संभाग में अमृत सरोवर, कपिल धारा, बलराम तालाब, जिसे योजना के माध्यम से जल संरक्षण के अलख जगाई है।
आज सागर संभाग जल संसाधन से हरा भरा है!
वन विभाग ने भी स्थानीय संसाधनों से रोजगार के नवाचार सागर संभाग में निवेश किए हैं दोना पत्तल, माला, लकड़ी के आभूषण, चंदन पाउडर, माला, आदि को भी जोड़ा गया है।
स्पार्क एकुबेशन सेंटर के माध्यम से भी सागर जिले में स्टार्ट अप को प्रशिक्षण, मार्गदर्शन आदि दिया जा रहा है
सुंदर बोली, सभ्य सुसंस्कृत बुंदेलखंड की पहचान है।