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सागर ।शासकीय पट्टे की जमीनो पर कब्जो का सत्यापन किया जाएगा, पटवारी वर्ष में दो बार शासकीय पट्टेदारों की भूमियों का मौके पर निरीक्षण करेंगे एवं अनधिकृत आधिपत्य पाए जाने पर धारा 250 म.प्र. भू-राजस्व संहिता के तहत कार्यवाही सुनिश्चित करें ।उक्त निर्देश कलेक्टर संदीप जी आर ने जनसुनवाई में आने वाली शिकायतों को देखते हुए दिए।

कलेक्टर के पर्यवेक्षण में की जाने वाली जनसुनवाई में शासकीय पट्टेदारों की भूमि पर दूसरे अनधिकृत व्यक्तियों द्वारा कब्ज़ा करने की शिकायते बड़ी संख्या मे प्राप्त होती रहती है। इससे ज्ञात होता है कि जिले में गरीब, कमजोर वर्ग को दिये गए पट्टे की भूमि पर अन्य प्रभावशाली व्यक्ति द्वारा करने का प्रयास किया जा रहा है।

कलेक्टर संदीप जी आर ने बताया कि शासकीय भूमि के पट्टे अनुसूचितजाति/जनजाति तथा अन्य भूमिहीन कृषक, मजदूरों को उनके जीवन यापन के लिए दिये गए है। इन भूमियों पर पट्टेदारों का कब्ज़ा सुनिश्चित करना राजस्व अधिकारियों का दायित्व है। इसके बावजूद भी बड़ी संख्या मे शासकीय पट्टेदारों की भूमि पर दूसरे व्यक्तियों के कब्जे होने की शिकायतें प्राप्त होती रहती है। यह स्थिति ठीक नहीं है।

उक्त शिकायतों के निराकरण एवं अन्य पट्टेदार जमीन पर वैद्य कब्जा सुनिश्चित करने के लिए कलेक्टर ने समस्त अनुविभागीय अधिकारी राजस्व, समस्त तहसीलदार एवं पटवारियों को निर्देशित किया है।

कलेक्टर के निर्देश अनुसार सभी पटवारी वर्ष में दो बार शासकीय पट्टेदारों की भूमियों का मौके पर निरीक्षण करेंगे। फसल बोने के समय यह सुनिश्चित करें कि फसल, पट्टे की भूमि पर पट्टेदार द्वारा ही बोई गई है तथा फसल काटते समय भी यह देखा जाए कि फसल शासकीय पट्टेदार द्वारा ही काटी गई है।

भौतिक सत्यापन के समय शासकीय पट्टेदार की भूमि पर यदि किसी अन्य व्यक्ति का अनधिकृत आधिपत्य पाया जाता है तो पटवारी स्थल जाँच रिपोर्ट मय पंचनामा के संबंधित तहसीलदार/ नायब तहसीलदार न्यायालय मे धारा 250 म.प्र. भू-राजस्व संहिता के तहत कार्यवाही प्रस्तुत करेंगे।

उन्होंने राजस्व अधिकारियों के निर्देश देते हुए कहा कि संबंधित राजस्व अधिकारी ऐसे प्रकरणों मे शीघ्र सुनवाई करते हुये संबंधित पट्टेदारों को उनके पट्टे की भूमि का आधिपत्य दिलाएँगे।

कलेक्टर ने अनुविभागीय अधिकारी/तहसीलदारों को निर्देश दिए कि जब भी वे भ्रमण पर जाते है तो शासकीय पट्टेदारों से उनकी भूमि के कब्ज़े के संबंध में आवश्यक पूछताछ करे। यदि संभव हो तो नमूने के तौर पर कुछ पट्टों की भूमि स्थल निरीक्षण भी करे ताकि शासकीय पट्टेदारों का उनके पट्टे की भूमि पर आधिपत्य सुनिश्चित किया जा सके। साथ ही कहा कि इन निर्देशों का कड़ाई से पालन किया जावे।


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