विकसित भारत- विकसित मध्य प्रदेश की अवधारणा के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया 17 हजार करोड़ की विकास परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास
विकसित भारत – विकसित मध्यप्रदेश की अवधारणा के तहत गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा वर्चुअल माध्यम से मध्य प्रदेश में 17 हजार करोड़ की विकास परियोजनाओं का शिलान्यास व लोकार्पण के साथ सभी जिलों में साइबर तहसील का शुभारंभ किया गया। इसके साथ ही उज्जैन में विक्रमादित्य वैदिक घड़ी का उद्घाटन भी किया गया।
इस अवसर पर लाल परेड मैदान में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की उपस्थिति में आयोजित मुख्य कार्यक्रम का पूरे प्रदेश के साथ सागर में महाकवि पद्माकर सभागार में जिला स्तरीय कार्यक्रम का लाइव प्रसारण हुआ। मुख्य कार्यक्रम के लाइव प्रसारण के पूर्व स्थानीय स्तर पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि विधायक शैलेंद्र जैन ने कहा कि आज सागर सहित सम्पूर्ण मध्यप्रदेश के लिए गौरव का क्षण है। हमारे जननायक जिन्होंने जन भावनाओं का आदर करते हुए भगवान श्री राम का मंदिर निर्माण कराकर दिव्य कार्य सम्पन्न कराया और दुनिया में देश का सम्मान बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि 2004 के पहले मध्यप्रदेश का बजट 23 हजार करोड़ रूपए होता था जबकि आज एक दिन में प्रधानमंत्री श्री मोदी द्वारा 17 हजार करोड़ के विकास कार्यों का लोकार्पण, भूमिपूजन किया जा रहा है। यह प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के संकल्प की शक्ति है।
उन्होंने कहा कि शासन द्वारा लाड़ली बहना योजना जैसी अनेक योजनाएं संचालित हैं। केवल सागर में ही 38 हजार से अधिक महिलाओं के खाते में 1250/- के हिसाब से प्रत्येक वर्ष 57 करोड़ रूपये सरकार द्वारा प्रदान किये जा रहे हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव एवं नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री कैलाश विजयवर्गीय द्वारा सागर में आठ- आठ करोड़ रुपए की राशि के 2 आडिटोरियम स्वीकृत करने पर बधाई देते हुए कहा कि इनके निर्माण होने से आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों के लिए वैवाहिक और पारिवारिक कार्यक्रम की सुविधा मिलेगी।
महाकवि पद्माकर सभागार में विधायक शैलेंद्र जैन , महापौर संगीता सुशील तिवारी, निगम अध्यक्ष वृंदावन अहिरवार, पार्षद शैलेश केशरवानी, संभागायुक्त डॉ. वीरेंद्र सिंह रावत, कलेक्टर दीपक आर्य, पुलिस अधीक्षक अभिषेक तिवारी, नगर निगम आयुक्त चंद्रशेखर शुक्ला, सहित नगर निगम के पार्षद, गणमान्य नागरिक एवं हितग्राहीयों मौजूद रहे।