केंद्रीय दवा मानक नियंत्रण संगठन(CDSCO) ने अगस्त महीने के दौरान जांच में गुणवत्ता के अनुरूप नहीं पाई गईं 53 दवाओं को लेकर अलर्ट जारी किया है। इन दवाओं में पैन-डी, पैरासिटामोल, एंटीबायोटिक, बीपी, शुगर, विटामिन, कैल्शियम समेत कई दवाइयां शामिल हैं। अलर्ट जारी होने के बाद दवा कंपनियों को इन्हें बाजार से हटाना होता है।
सीडीएससीओ(CDSCO) के अनुसार, अगस्त के दौरान जांच में कुल 53 दवाएं तय मानकों के अनुरूप नहीं पाई गई हैं।CDSCO की लिस्ट में गुणवत्ता में जो कमियां पाई गई हैं, उनमें कैल्शियम और विटामिन डी3 सप्लीमेंट्स, एंटी डायबिटीज की गोलियां और हाई ब्लड प्रेशर की दवाएं शामिल हैं।
बैन की गई दवाओं की लिस्ट में दौरे और एंग्जाइटी में इस्तेमाल की जाने वाली क्लोनाजेपाम टैबलेट, दर्द निवारक डिक्लोफेनेक, सांस की बीमारी के लिए इस्तेमाल होने वाली एंब्रॉक्सोल, एंटी फंगल फ्लुकोनाजोल और कुछ मल्टी विटामिन और कैल्शियम की गोलियां भी हैं। ये दवाएं हेटेरो ड्रग्स, अल्केम लेबोरेट्रीज, हिंदुस्तान एंटीबायोटिक्स लिमिटेड (HAL), कर्नाटक एंटीबायोटिक्स एंड फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड जैसी बड़ी कंपनियों द्वारा बनाई जाती हैं।
सीडीएससीओ (CDSCO) हर महीने देश के विभिन्न हिस्सों से औचक निरीक्षण कर नमूने एकत्र कर ऐसी जांच करता है। इसमें हर महीने 30-40 हजार नमूनों की जांच की जाती है। जुलाई महीने के दौरान 70 दवाएं गुणवत्ता के अनुरूप नहीं पाई गई थीं।
केंद्र ने अगस्त में 156 फिक्स्ड डोज कॉम्बिनेशन वाली दवाओं पर प्रतिबंध लगाया था। ये आमतौर पर बुखार, सर्दी के अलावा पेन किलर, मल्टी-विटामिन और एंटीबायोटिक्स के रूप में इस्तेमाल की जा रही थीं। ये दवाएं हेटेरो ड्रग्स, अल्केम लेबोरेट्रीज, हिंदुस्तान एंटीबायोटिक्स लिमिटेड (HAL), कर्नाटक एंटीबायोटिक्स एंड फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड जैसी बड़ी कंपनियों द्वारा बनाई जाती हैं।
CDSCO ने 48 दवाओं की सूची जारी की
CDSCO ने 53 दवाओं की क्वालिटी टेस्ट किया था, लेकिन 48 दवाओं की ही सूची जारी की। क्योंकि 53 में से 5 दवाइयां बनाने वाली कंपनियों ने कहा कि ये उनकी मेडिसिन नहीं हैं, बल्कि मार्केट में उनके नाम से नकली दवाइयां बेची जा रही हैं। इसके बाद उन्हें लिस्ट से हटा दिया गयाI
The Central Drugs Standards Control Organisation (CDSCO) declared more than 50 drugs, including paracetamol, Pan D, and calcium supplements, as ‘not of standard quality’ in its recent monthly report, raising safety concerns regarding their usage.