मामला : कदारी कुशवाहा परिवार के दोनों भाइयों की शामिल खाते में थी जमीन। जिसमें रजिस्ट्रार कार्यालय में ढाई सौ रुपए की ऑनलाइन रसीद कटवाई गई थी, कि रजिस्ट्री नहीं की जाए। उसके बाद भी रजिस्टार ऑफिस में सुविधा शुल्क लेकर सारे नियमों को दर किनार कर कर दी सूत्रकर के नाम रजिस्ट्री
छतरपुर।/विन्द्रावन विश्वकर्मा
छतरपुर। शहर से सटी ग्राम पंचायत कदारी के सरपंच दुर्जी अहिरवार ने गुरूवार को अनुविभागीय अधिकारी छतरपुर को एक शिकायती आवेदन दिया है जिसमें उन्होंने उल्लेखित किया है कि शासकीय भूमि खसरा क्रमांक 1212 कुल रकवा 0.2430 हेक्टेयर पर कार्तिकेय सूत्रकार पिता भगवान प्रसाद सूत्रकार कदारी मौजा में शासकीय भूमि पर कब्जा करते हुए पेड़ काट रहे हैं। इतना ही नहीं रातोंरात उनके द्वारा जेसीबी मशीन से यह सब समतलीकरण कर दिया गया है साथ ही नाला पर भी अतिक्रमण कर पेड़ काट रहे हैं। एसडीएम से सरपंच ने शिकायत की है कि श्री सूत्रकार के खिलाफ कार्यवाही की जाए। कार्तिकेय सूत्रकार के पिता बी पी सूत्रकार छतरपुर कृषि विभाग कार्यालय में पदस्थ हैं।
ऑनलाइन₹250 की रसीद रजिस्ट्रार ऑफिस में कटवाने के बाद भी बीपी सूत्रकर ने विभाग से मिलकर पुत्र कार्तिकेय सूत्रकर के नाम करवा दी रजिस्ट्री
शहर से सटे ग्राम कदारी निवासी किसान ने कलेक्टर को मई माह 2024 में शिकायती आवेदन देकर उसकी जमीन पर बगैर अनुमति के बेचने का आरोप लगाया था। इस संबंध में किसान ने कलेक्टर से कार्यवाही की मांग की थी, जो कि आज दिनांक तक कुछ भी हुआ है। ग्राम कादरी निवासी पिरवा कुशवाहा ने शुक्रवार को कलेक्टर को दिए आवेदन में बताया कि कदारी मौजा में उसके वा उसके बेटों के स्वामित्व की 2.0720 हेक्टेयर जमीन है। उसके बड़े बेटे बृजलाल कुशवाहा की डेढ़ साल पहले मौत हो चुकी है। बृजलाल की पत्नी ने दूसरी शादी कर ली है, लेकिन उसने बगैर किसी अनुमति के बृजलाल के स्वामित्व की जमीन कार्तिकेय सूत्रकर को भेज दिया । जबकि पिरवा ने संबंध में आपत्ति लगा रखी थी।
पिरवा कुशवाहा ने बताया कि रजिस्टर कार्यालय छतरपुर में ढाई सौ रुपए की ऑनलाइन रसीद कटवाने के बाद भी रजिस्टार ऑफिस के अधिकारियों ने बीपी सूत्रकर से सांठ गांठ कर रजिस्ट्री कर दी। सारे नियमों को दर किनार कर रजिस्टर कार्यालय ने बिना अनुमति के रजिस्ट्री कर दी। इस संबंध में किसान ने लिखित आवेदन कलेक्टर को सौप था, कि रजिस्ट्री को निरस्त कर बीपी सूत्रकर के खिलाफ कार्यवाही की जाए। उसके बाद भी आज दिनांक तक बीपी सूत्रकर और उसके पुत्र कार्तिक सूत्रकर के ऊपर कोई वैधानिक कार्यवाही नहीं की गई, और ना ही आज दिनांक तक रजिस्ट्री निरस्त की गई।
जांच का विषय तो यह भी है कि रजिस्टार ऑफिस से रजिस्ट्री के कई माह पहले ऑनलाइन ₹250 की रसीद कटवाने के बाद भी रजिस्ट्री कैसे हो गई।