ज्योति शर्मा/सागर। डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय के संगीत विभाग में प्रख्यात तबला वादक पद्म विभूषण उस्ताद ज़ाकिर हुसैन के आकस्मिक निधन पर स्वरांजलि एवं तालांजलि अर्पित की गई। कार्यक्रम में पुष्पांजलि उपरांत विभागीय छात्र अनिकेत आठया एवं विकास रविदास ने झपताल एवं तीनताल में तबला एकल वादन प्रस्तुत किया जिसमें पेशकार, कायदा, रेला, टुकड़े एवं चक्रदार प्रस्तुत किये। विभागीय शोध छात्रा स्तुति खंपरिया ने राग पूरिया धनाश्री में तीनताल में बड़ा ख्याल एवं छोटा ख्याल प्रस्तुत किया। तबला पर संगत शैलेन्द्र सिंह राजपूत एवं हारमोनियम पर संगत अतुल पथरौल एवं मयंक विश्वकर्मा ने की। कार्यक्रम का संचालन आकाश जैन ने किया। इस अवसर डॉ. विभूति मलिक, मनमोहन श्रृंगीऋषि, डॉ हरिओम सोनी , विभागीय शोध छात्र यश गोपाल श्रीवास्तव, गगन राज, सत्यम नामदेव, अनुकृति रावत, तेजस पटेल ने खाँ साब के संस्मरण सुनाए व अपने विचार व्यक्त किए।
कार्यक्रम में डा. राहुल स्वर्णकार ने उस्ताद जाकिर हुसैन के कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि वर्तमान में उस्ताद जाकिर तबला के पर्याय माने जाते रहे हैं। तबला को जितनी प्रसिद्धी उस्ताद जाकिर हुसैन ने दिलाई है उतनी किसी ने नहीं। शास्त्रीय संगीत जगत उनके योगदान को भुला नही सकता। सदियों तक वाह ताज़ हमारे कानों में गूँजता रहेगा। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय एवं शहर के गणमान्य नागरिक एवं विद्यार्थी उपस्थित थे। विभागाध्यक्ष प्रो. अशोक अहिरवार के मार्गदर्शन में कार्यक्रम संपन्न हुआ। आभार अरुण रैकवार ने माना।
