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सागर। कलेक्टर संदीप जी आर के निर्देश एवं उपसंचालक कृषि के मार्गदर्शन में विकासखण्ड बंडा में संचालित विकसित कृषि संकल्प अभियान के छठवें दिन संयुक्त टीम ने ग्राम पंचायत बिनैका, बेसली तथा बहरोल में किसानों के बीच पहुंची। साहित्य वितरण कर टीम ने खरीफ फसलों में बीज उपचार, नरवाई प्रबंधन, समन्वित कीटव्याधि प्रबंधन के उपाय के साथ ही फसलो की लागत कम करने और शुद्ध आय बढ़ाने के उपायों के साथ साथ प्राकृतिक खेती के संबंध में विस्तार से जानकारी दी गई।

आज के कार्यक्रम में कृषि स्थाई समिति के सभापति श्री हरपाल सिंह ठाकुर जी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। संयुक्त टीम में केंद्रीय कृषि अभियांत्रिकी संस्थान भोपाल से डॉ. अजय राउल, कृषि विज्ञान केंद्र सागर से वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. एस.के.तिवारी, डॉ स्मिता तिवारी, अनुविभागीय अधिकारी कृषि श्रीमति कुमुद बुनकर, वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी यू.एस. अहिरवार,आत्मा बी टी एम निधि पाण्डेय तथा अन्य विभागीय कृषि कर्मचारी शामिल रहे। अभियान का उद्देश्य देश के कृषि संस्थाओं में विगत वर्षों में हुए शोध के परिणामो, भारत एवं राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं एवं उल्लेखनीय प्रगति की जानकारियो को किसानों तक पहुंचाना और उन्हें अपनाने हेतु प्रेरित एवं मार्गदर्शित करना है। कृषि वैज्ञानिक डॉ एस.के.तिवारी ने खरीफ़ फसलों की उन्नत प्रजातियां, गुणधर्म, बीज उपचार की आवश्यकता के संबंध में जानकारी साझा की गई तथा समन्वित पोषक एवं कीट व्याधि प्रबंधन की विधियों में प्रकाश डाला। अनुविभागीय कृषि अधिकारी कुमुद बुनकर ने नरवाई प्रबंधन के के साथ विभागीय योजनाओं के विस्तृत जानकारी दी। सोयाबीन की बुबाई हेतु मेढ़-नाली पद्धति, चौड़ी बेड बनाकर बुबाई के फायदे तथा अन्य कृषि मशीनीकरण की जानकारी डॉ. अजय राउल के द्वारा दी गई। वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी यू.एस.अहिरवार ने उर्वरक डीएपी के अन्य उपलब्ध  विकल्पो के बारे में किसानों को बताया और अनुरोध किया कि यूरिया और डीएपी के विकल्पों पर विचार कर अन्य विकल्पों का  खेती में उपयोग करें।

उक्त कार्यक्रमो में पंचायत के सरपंचों, अन्य क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों एवं प्रगतिशील किसानों का सहयोग में मार्गदर्शन प्राप्त हुआ।


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