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कलेक्टर ने किसान भाईयों से किया सीधा संवाद

सागर ।प्राकृतिक खेती का उत्पादन कर किसान भाई आर्थिकरूप से समृद्ध बनें, फसल में रासायनिक उर्वरकों का उपयोग न करें एवं जिले में प्रधानमंत्री किसान सिंचाई योजना अंतर्गत फ्रूट फॉरेस्ट के माध्यम से दस लाख फलदार पौधे लगाए जायेंगे उक्त विचार कलेक्टर संदीप जी आर ने एकीकृत बागवानी विकास मिशन योजना अंतर्गत उद्यान/कृषि विज्ञान मेला के शुभारंभ अवसर पर व्यक्त किए। इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक विकास शाहवाल, उद्यानिकी विभाग के अधिकारी डीएस बड़ोले सहित अन्य वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक, अधिकारी एवं बड़ी संख्या में किसान भाई मौजूद थे।

कलेक्टर संदीप जी आर ने कहा कि हाईड्रोपोनिक माइक्रोग्रीन्स योजना के अंतर्गत किसान भाई अपनी फसल का उत्पादन करे जिससे न केवल पानी की बचत होगी बल्कि मिट्टी की भी बचत होगी और फसल भी अच्छी होगी। उन्होंने कहा कि कम पानी में भी इस पद्धति से फसल का उत्पादन अच्छा होता है। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती का उत्पादन करे और अपने द्वारा किए जा रहे उत्पादन के उत्पाद की मार्केटिंग भी करें जिससे कि उनको उनके मन के अनुसार बाजार भी उपलब्ध होगा और अच्छे दाम भी मिल सकेंगे। उन्होंने कहा कि स्ट्राबैरी, स्वीट कॉर्न, ड्रैगनफ्रूट, रैड डायमंड गुआवा सहित अन्य का उत्पादन करें।

कलेक्टर ने बताया कि सागर जिले में दस लाख फलदार पौधे लगाने की योजना है जिसका शुभारंभ जैसीनगर विकासखंड के बरौदा सागर में 30 हजार फलदार पौधे लगाने से किया गया है। इसी प्रकार सभी विकासखंडों में फलदार पौधे लगाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि फलदार पौधों की सुरक्षा एवं उनका संरक्षण करने के लिए स्व-सहायता समूह एवं स्थानीय जनप्रतिनिधियों को जिम्मेदारी दी गई है जिससे कि वह इन फलदार पौधों के फलों को बेचकर आर्थिक रूप से समृद्ध बन सकें। उन्होंने मल्टीलेवल फसल उत्पादन प्राथमिकता से करने की अपील भी की। कलेक्टर संदीप जी आर ने किसान भाई आकाश चौरसिया, राहुल ठाकुर, भगवत आठ्या सहित अन्य किसान भाईयों से सीधा संवाद किया जिससे उन्होंने अपने द्वारा उत्पादन की जा रही फसल की विस्तार से जानकारी दी।

उद्यानिकी विभाग की आधुनिक तकनीक पर कृषक प्रशिक्षण/सेमिनार आरंभ

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उद्यानिकी एवं कृषि प्रबंधन तकनीक समिति के तत्वाधान में दो दिवसीय कृषक सेमिनार विजया राजे सिंधिया स्वर्ण जयंती सभागार डॉ हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय में कलेक्टर संदीप जी आर एवं पुलिस अधीक्षक विकास शाहवाल की अध्यक्षता में प्रारंभ हुआ। जिसमें कलेक्टर द्वारा कृषकों से संवाद कर अधिक से अधिक नवीन तकनीक अपनाने एवं पौध रोपण पर ध्यान केंद्रित करने की सलाह दी। हाइड्रोपोनिक्स माइक्रोग्रीन विषय पर आधुनिक खेती की जानकारी उत्तराखंड से विषय वस्तु विशेषज्ञ ब्रजेश कुमार संरक्षित खेती पर सौरव जाना ने अपने अनुभव कृषकों से साझा किए पूर्वेश जायसवाल ने ड्रैगन फ्रूट की खेती से कृषकों को अवगत करवाया ।

उपसंचालक उद्यान पी एस बड़ोले ने कृषकों को विभागीय योजनाओं की जानकारी साझा की। कार्यक्रम में सागर के समस्त विकासखंड से लगभग 350 कृषकों ने भाग लिया। कार्यक्रम में परियोजना संचालक आत्मा मुकेश प्रजापति उद्यानिकी महाविद्यालय गढ़ाकोटा से रश्मि पांडे मनरेगा से गुप्ता उद्यानिकी विभाग से रियाज खान अश्विनी मोड़ें प्रदीप परिहार रामकुमार हर्षदीप एवं अन्य साथी उपस्थित रहे।

उद्यान/कृषि विज्ञान मेला में उपस्थित कृषि वैज्ञानिक ने बताया कि  हाइड्रोपोनिक खेती एक आधुनिक कृषि तकनीक है जिसमें मिट्टी का उपयोग किए बिना पौधों को उगाया जाता है। इस पद्धति में पौधों की जड़ों को पानी, पोषक तत्वों और ऑक्सीजन के समाधान में रखा जाता है। हाइड्रोपोनिक खेती के कई लाभ हैं जैसे हाइड्रोपोनिक खेती में पानी का उपयोग बहुत कम होता है, जिससे जल संसाधनों की बचत होती है, पौधों की वृद्धि दर तेजी से होती है, जिससे उत्पादन बढ़ता है, तापमान, आर्द्रता और प्रकाश की तीव्रता को नियंत्रित किया जा सकता है, जिससे पौधों की गुणवत्ता बढ़ती है। इसी प्रकार कृषि वैज्ञानिकों ने बताया कि माइक्रोग्रीन्स छोटे पौधे होते हैं जो पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं और अक्सर सलाद या सैंडविच में उपयोग किए जाते हैं। हाइड्रोपोनिक खेती में माइक्रोग्रीन्स उगाने के लिए एक आदर्श विकल्प है क्योंकि इसमें पानी का उपयोग कम होता है और पौधों की वृद्धि दर तेजी से होती है। वैज्ञानिकों ने बताया कि  हाइड्रोपोनिक खेती के विकिंग बेड सिस्टम, फ्लड एंड ड्रेन सिस्टम, न्यूट्रिएंट फिल्म टेक्नीक सहित अन्य विधियों से की जाती है।


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