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जैविक खेती बायोकल्चर के फायदे तथा वायो पेस्टीसाइड से हो रहे नुकसान से जनता अवगत हो – डा आशीष त्रिपाठी

प्राचीन ग्रामीण कृषि पद्धति को जानना, समझना और समाज में जागरूकता लाना आवश्यक – धनी राम गुप्ता

सागर। बुंदेलखंड विश्वकोश योजना के अन्तर्गत कृषि समिति की बैठक डा अजय तिवारी, कुलाधिपति, स्वामी विवेकानंद विश्वविद्यालय सागर की अध्यक्षता, एम पी दुबे के मुख्य अतिथ्य,संरक्षक डा राजेश शुक्ला के मार्गदर्शन में आयोजित की गयी । अध्यक्षीय उद्बोधन में डा अजय तिवारी ने कहा कि बुंदेलखंड इन्साइक्लोपीडिया में बुंदेलखंड की प्राचीन कृषि व्यवस्था, कृषकों की दशा,गाय व पशुधन की स्थिति के साथ बुंंदेली भाषा के खेती किसानी के शब्दों को भी स्थान दिया जाये विचार विमर्श बहुत आवश्यक है।डा आशीष त्रिपाठी ने जैविक खेती बायोकल्चर के फायदे तथा वायो पेस्टीसाइड से मानवजीवन में हो रहे नुकसान के अनेक उदाहरण दिये।कृषि विभाग के डा आर के सिंह ने कहा कि युवाओं को ग्रामीण क्षेत्रों का सर्वे करने का दायित्व सौपा जाये । धनी राम गुप्ता ने प्राचीन ग्रामीण कृषि पद्धति को जानना, समझना और समाज में जागरूकता लाने की बात कही।डा सुकदेव वाजपेयी ने कहा कि वर्तमान समय में प्राकृतिक खेती की प्रासंगिक है।डा उमेश कुमार मिश्र ने आधुनिक कृषि पद्धति के अन्तर्गत हाइ‌ड्रोपोनिक्स एवं वडिंग्स ग्राफ्टिंग पर विचार रखे। रवीन्द्र देव चौबे ने उद्यानिकी और आधुनिक कृषि पर चर्चा की। डा ए के दीक्षित, सावित्री मौर्य एवं डा त्रिपाठी, डा एच एम गुप्ता ने भी बुंदेलखंड में कृषि की स्थिति दिशा व दशा पर अपने विचार व्यक्त किये। इस अवसर पर बुंदेलखंड विश्वकोश के कार्यालय के डिजायनर आकर्षण फर्नीचर के मुखिया जिनेन्द्र सपना जैन को बुंदेली विभूति सम्मान से सम्मानित किया गया।


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