लेखक : हेमंत आजाद
मध्य प्रदेश में राज्य माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा दिनांक 5 फरवरी 2024 से वार्षिक बोर्ड परीक्षा आयोजित कार्यक्रम किया जा रहा है I बोर्ड परीक्षा के साथ साथ छात्र छात्राओं को अपने आगामी भविष्य की नीव तैयार करने के लिए भी योजना बनानी पड़ती हैंI बोर्ड परीक्षा मै 12वी कक्षा के बाद छात्र महाविद्यालय शिक्षा के लिए मुख्य विषय चयन करने की रणनीति बनाते हैंI
यह परीक्षा कहा जाए तो छात्र छात्राओं के भविष्य की परीक्षा होती है मुझे याद है जब मैं सन 2004 या 2005 मै दसवी कक्षा की परीक्षा मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा उत्तीर्ण की थी तब मध्य प्रदेश में केवल सफल विद्यार्थी प्रतिशत 30% से भी कम रहता था
परन्तु आज के समय 20 साल पहले जैसा समय नही है तब परीक्षा में उत्तीर्ण होना आवश्यक नहीं था बल्कि परीक्षा को एक उत्सव पर्व की तरह शांति से मनाया जाता था सफलता असफलता जीवन में मायने नहीं रखती थी जीवन से बडी परीक्षा नही हैI
प्रधान मंत्री जी का परीक्षा पर चर्चाI पर भी कहा था की बच्चे परीक्षा पर तनाव मुक्त रहकर परीक्षा देI भारतीय समाज में एक ऐसे वातावरण को बनाने आवश्यकता है जो छात्र छात्राओं को परीक्षा से बड़ी जीवन मंत्र को धारण करना चाहिएI देश को वर्तमान में समान शिक्षा समान चिकित्सा की आवश्यकता हैI
आज देश में शिक्षा पाठयक्रम संरचना भी भिन्न है केन्द्रीय स्तर पर होने वाली संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित परीक्षा एक समान रुप से पूरे देश के विद्यार्थी को अवसर देती है परंतु केन्द्र सरकार द्वारा केन्द्रीय शिक्षा बोर्ड अंतर केन्द्रीय शिक्षा बोर्ड और राज्य सरकारों द्वारा संचालित शिक्षा बोर्ड के अलग अलग पाठयक्रम संरचना भी छात्र छात्राओं को अवसर प्रदान करने में मुश्किल बनाती हैंI
देश में एक शिक्षा एक चिकित्सा अधिनियम लागू करने की आवश्यकता है I जिस से सरकारी और निजी स्कूल अस्पताल एक हो जाएंI गरीब और अमीर की कड़ी इन दोनों क्षेत्र में समाप्त हो जाएI
बोर्ड परीक्षाओं को लेकर परिवार में भी ऐसे माहौल को बनाकर रखा जाए कि बच्चों को बोर्ड परीक्षा एक भार ना बन एक उत्साह का अवसर बन जाएI स्कूल एवम घर समाज में शिक्षा को लेकर एक समान वातावरण तैयार किया जाएं I जिस प्रकार सरकार स्वास्थ्य लाभ को लेकर अभियान शुरू करती हैं जिस प्रकार मतदाता जागरूकता अभियान शुरू करती है इसी प्रकार बोर्ड परीक्षाओं को लेकर जन जागरण और आंतरिक भय मुक्त रहकर परीक्षा देने वाले मजेदार माहौल को बनाया जाए इसी प्रकार हमे अपने बच्चों को परीक्षा के साथ खुशी भी दे सकते हैंI
किसी ने ठीक कहा है की शिक्षा का परीक्षा से सीधा संबंध नहीं है जो हम परीक्षा के परिणाम से डरेI
हमे एक ऐसे वातावरण को बनाने की जरूरत है जो बच्चों को बोर्ड परीक्षाओं के लिए तनाव मुक्त माहौल दे सकेI
बच्चे कच्ची मिट्टी के घड़े है हम उन्हे जिस आकार में ढालेंगे वो ढल जाते हैंI