जहाज
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रक्षा मंत्रालय और मेसर्स एलएंडटी के बीच तीन कैडेट प्रशिक्षण जहाजों के स्वदेशी डिजाइन और निर्माण का अनुबंध 23 मार्च को हुआ था। इस क्रम में, मेसर्स एलएंडटी शिपयार्ड, कट्टुपल्ली में तीसरे कैडेट प्रशिक्षण जहाज (यार्ड-18005) का स्टील कटिंग समारोह 20 अप्रैल को आयोजित किया गया। इस समारोह की अध्यक्षता रक्षा सचिव गिरिधर अरमाने ने की, जिसमें एलएंडटी प्रिसिजन इंजीनियरिंग एंड सिस्टम के कार्यकारी उपाध्यक्ष अरुण रामचंदानी के साथ-साथ भारतीय नौसेना और मेसर्स एलएंडटी के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

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इन कैडेट प्रशिक्षण जहाजों का उपयोग तटीय इलाकों में बुनियादी प्रशिक्षण के बाद अधिकारी कैडेटों को समुद्र में प्रशिक्षण देने के लिए किया जाएगा। ये जहाज मित्र देशों के कैडेटों को प्रशिक्षण सुविधाएं भी प्रदान करेंगे। इन जहाजों को सितंबर 2026 तक भारतीय नौसेना को सौंपे जाने की संभावना है। स्वदेशी जहाज निर्माण की दिशा में भारतीय नौसेना के प्रयास में यह एक और महत्वपूर्ण मील का पत्थर है और यह भारत सरकार के ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘मेक इन इंडिया’ पहल के दृष्टिकोण के अनुरूप है। दीर्घकालिक एकीकृत परिप्रेक्ष्य योजना यानी लॉन्ग टर्म इंटिग्रेटेड पर्सपेक्टिव प्लान (एलटीआईपीपी 2012-27) में भारतीय नौसेना के लिए उसकी शक्ति के स्तर पर तीन कैडेट प्रशिक्षण जहाजों की परिकल्पना की गई है।


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