H20250621185983 scaledPM addressing the gathering during the 11th International Day of Yoga celebrations at Visakhapatnam, in Andhra Pradesh on June 21, 2025.
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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में 11वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस समारोह को संबोधित किया

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में 11वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस (आईवाईडी) समारोह को संबोधित किया। प्रधानमंत्री ने अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के समारोह का नेतृत्व किया और योग सत्र में भाग लिया। उन्होंने विशाखापत्तनम के समुद्र तट पर कॉमन योग प्रोटोकॉल (सीवाईपी) सत्र में लगभग 5 लाख प्रतिभागियों के साथ भाग लिया और समन्वित योग प्रदर्शन में राष्ट्र का नेतृत्व किया। योग संगम कार्यक्रम पूरे भारत में 3.5 लाख से अधिक स्थानों पर एक साथ आयोजित किए गए। इस वर्ष, माईगॉव और माईभारत जैसे प्लेटफार्मों पर योग विद फैमिली और योग अनप्लग्ड के तहत युवा-केंद्रित पहल जैसी विशेष प्रतियोगिताएं आरंभ की गई हैं, जो व्‍यापक स्‍तर पर भागीदारी को प्रोत्साहित करती हैं।

इस वर्ष की थीम, “एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग” मानव और संपूर्ण विश्‍व के स्वास्थ्य के परस्पर संबंध को रेखांकित करती है और सामूहिक कल्याण की वैश्विक दृष्टि को प्रतिध्वनित करती है, जो भारत के “सर्वे संतु निरामया” (सभी रोग मुक्त हों) के दर्शन में निहित है। 2015 में इसकी शुरुआत के बाद से ही जब संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) ने 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाने के भारत के प्रस्ताव को अपनाया, तब से प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी निरंतर नई दिल्ली, चंडीगढ़, लखनऊ, मैसूर, न्यूयॉर्क (संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय) और श्रीनगर सहित विभिन्न स्थानों से समारोहों का नेतृत्व करते रहे हैं। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस तब से एक शक्तिशाली वैश्विक स्वास्थ्य आंदोलन के रूप में विकसित हो गया है।

प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर भारत और विश्‍व भर के लोगों को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं दीं। उन्होंने रेखांकित किया कि इस वर्ष 11वां अवसर है जब विश्‍व 21 जून को सामूहिक रूप से योग का अभ्यास करने के लिए एकत्रित हुआ है। उन्होंने कहा कि योग का सार “एकजुट होना” है और यह देखना उत्साहजनक है कि योग ने विश्‍व को कैसे एकजुट किया है। पिछले एक दशक में योग की यात्रा पर विचार करते हुए, उन्होंने उस क्षण का स्‍मरण किया जब भारत ने संयुक्त राष्ट्र में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के विचार का प्रस्ताव रखा था। उन्होंने कहा कि 175 देशों ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया, जो इतनी व्यापक वैश्विक एकता का एक दुर्लभ उदाहरण है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह समर्थन केवल एक प्रस्ताव के लिए नहीं था, बल्कि इसने मानवता की भलाई के लिए दुनिया द्वारा किए गए सामूहिक प्रयास का प्रतिनिधित्व किया। उन्होंने कहा, “ग्यारह वर्ष बाद, योग विश्‍व भर में लाखों लोगों की जीवनशैली का अभिन्न हिस्‍सा बन गया है।” प्रधानमंत्री ने यह देखकर गर्व व्यक्त किया कि कैसे दिव्यांग व्यक्ति ब्रेल में योग संबंधी पुस्‍तकें पढ़ रहे हैं और कैसे वैज्ञानिक अंतरिक्ष में योग का अभ्यास कर रहे हैं। उन्होंने योग ओलंपियाड में ग्रामीण क्षेत्रों के युवाओं की उत्साहजनक भागीदारी का भी उल्लेख किया। उन्होंने ने इस बात पर जोर दिया कि चाहे वह सिडनी ओपेरा हाउस की सीढ़ियां हों, माउंट एवरेस्ट की चोटी हो या समुद्र का विशाल विस्तार हो, संदेश एक ही है, “योग सभी के लिए है, सीमाओं से परे, पृष्ठभूमि से परे, उम्र या क्षमता से परे है।”

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विश्‍व के विभिन्न हिस्सों में बढ़ते तनाव, अशांति और अस्थिरता पर चिंता व्यक्त करते हुए, उन्होंने कहा कि ऐसे समय में योग शांति का मार्ग प्रशस्‍त करता है। उन्होंने कहा, “योग मानवता को सांस लेने, संतुलन बनाने और फिर से संपूर्ण बनने के लिए आवश्यक पौज बटन है।” प्रधानमंत्री ने अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर वैश्विक समुदाय से विशेष अपील करते हुए आग्रह किया, “इस योग दिवस को मानवता के लिए योग 2.0 की शुरुआत का प्रतीक बनाएं, जहां आंतरिक शांति वैश्विक नीति बनेगी।” उन्होंने जोर दिया कि योग को केवल एक व्यक्तिगत अभ्यास नहीं रहना चाहिए, बल्कि वैश्विक साझेदारी के लिए एक माध्यम के रूप में विकसित होना चाहिए। उन्होंने प्रत्येक राष्ट्र और प्रत्येक समाज से योग को अपनी जीवनशैली और सार्वजनिक नीति में शामिल करने का आग्रह किया। उन्होंने एक शांतिपूर्ण, संतुलित और टिकाऊ विश्‍व को आगे बढ़ाने के लिए सामूहिक प्रयास की कल्पना की। उन्होंने कहा, “योग को चाहिए कि वह विश्‍व को संघर्ष से सहयोग की ओर और तनाव से समाधान की ओर ले जाए।”


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