सागर।विश्वविद्यालय में राजभाषा के कार्यान्वयन की समीक्षा के लिए समय-समय पर न केवल विश्वविद्यालय के राजभाषा प्रकोष्ठ द्वारा बल्कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, शिक्षा मंत्रालय व राजभाषा विभाग, गृह मंत्रालय और उच्चस्तरीय संसदीय समिति द्वारा राजभाषा निरीक्षण किया जाता है। इस क्रम में विश्वविद्यालय में संघ की राजभाषा नीति के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए गृह मंत्रालय, राजभाषा विभाग के अंतर्गत क्षेत्रीय कार्यान्वयन कार्यालय (मध्य), भोपाल के कार्यालयाध्यक्ष एवं उपनिदेशक कार्यान्वयन नरेन्द्र सिंह मेहरा द्वारा विश्वविद्यालय का राजभाषा निरीक्षण किया गया।
श्री मेहरा द्वारा सर्वप्रथम विश्वविद्यालय के राजभाषा प्रकोष्ठ के राजभाषा अधिकारी एवं संयुक्त कुलसचिव श्री संतोष सोहगौरा एवं कर्मचारियों के साथ बैठक कर राजभाषा कार्यान्वयन की समीक्षा एवं विचार-विमर्श किया। इस दौरान राजभाषा अधिकारी श्री संतोष सोहगौरा ने पीपीटी प्रस्तुति के माध्यम से विश्वविद्यालय में राजभाषा की प्रगामी प्रगति पर प्रकाश डाला। उन्होंने निरीक्षणकर्ता को अवगत कराया कि माननीया कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता की प्रेरणा एवं प्रोत्सााहन से विश्वविद्यालय में न केवल राजभाषा हिन्दी बल्कि अन्य भारतीय भाषाओं को निरंतर प्रोत्साहन दिया जा रहा है। इससे विश्वविद्यालय में बहुभाषिक संस्कृति का निरंतर पुष्पन-पल्लवन हो रहा है। श्री नरेन्द्र सिंह मेहरा ने विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता से सौजन्य भेंट करते हुए विश्वविद्यालय के राजभाषा प्रकोष्ठ में कार्यरत अधिकारी एवं कर्मचारियों की मुक्त कंठ से प्रशंसा की और कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा राजभाषा कार्यान्वयन के लिए किए जा रहे कार्य अन्य सरकारी कार्यालयों के लिए भी प्रेरणास्रोत हैं। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में राजभाषा कार्यान्वयन के लिए अपार संभावनाएं निहित हैं।
माननीया कुलपति महोदया ने श्री मेहरा को अवगत कराया कि अभी हाल में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की राजभाषा निरीक्षण समिति द्वारा भी विश्वविद्यालय के राजभाषा कार्यान्वयन एवं उनके प्रकाशनों की सराहना की है जो कि विश्वविद्यालय के लिए गौरव का विषय है। उन्होंने आश्वस्त कराया कि विश्वविद्यालय राजभाषा एवं अन्य भारतीय भाषाओं के संवर्धन के लिए निरंतर प्रयासरत रहेगा।
राजभाषा प्रकोष्ठ के सदस्यों के साथ निरीक्षणकर्ता श्री मेहरा ने प्रशासनिक एवं नवीन प्रशासनिक भवन स्थित विभिन्न कार्यालयों/अनुभागों का भ्रमण कर राजभाषा कार्यान्वयन की प्रगति का निरीक्षण किया। श्री मेहरा ने विश्वविद्यालय के वित्त एवं लेखा अनुभाग एवं स्थापना अनुभाग सहित अन्य अनुभागों का निरीक्षण किया तथा राजभाषा कार्यान्वयन से संबंधित दस्तावेजों का परीक्षण किया। उन्होंने वित्त एवं लेखा अनुभाग द्वारा किए जाने वाले पत्राचार में हिन्दी के उत्कृष्ट प्रयोग की सराहना करते हुए कहा कि कर्मचारियों को वेतन, पेंशन, अदेय प्रमाण-पत्र संबंधी सूचनाएं राजभाषा में प्राप्त होने पर उसकी सम्प्रेषणीयता भी बेहतर होती है। अनुभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि अनुभाग में उपयोग किए जाने वाले ऑनलाइन पोर्टल्स/सॉफ्टवेयरों में भी हिन्दी का अधिकाधिक प्रयोग सुनिश्चित किया जाना चाहिए।
स्थापना अनुभाग का निरीक्षण करते हुए श्री मेहरा ने सेवा-पंजियों, व्यक्तिगत नस्तियों, अभिलेखों इत्यादि का निरीक्षण किया तथा कार्मिकों के प्रशिक्षण एवं हिन्दी ज्ञान के संबंध में विस्तार से चर्चा की। कार्यालय के निरीक्षण के दौरान श्री मेहरा ने प्रशासनिक भवन में प्रदर्शित प्रेरक हिन्दी कथनों, नामपट्टों एवं अन्य सूचनाएं द्विभाषी एवं हिन्दी में उपलब्ध प्रदर्शन सामग्री की प्रशंसा की। निरीक्षणकर्ता प्राधिकारी ने भारतीय भाषाओं के संरक्षण-संवर्धन के लिए स्थापित भारतीय भाषा प्रकोष्ठ तथा जवाहरलाल नेहरू पुस्तकालय, सूचना प्रौद्योगिकी प्रकोष्ठ एवं गौर संग्रहालय का भी दौरा किया।
राजभाषा अधिकारी संतोष सोहगौरा ने गौर संग्रहालय की विशेषता बताते हुए कहा कि यह संग्रहालय विश्वविद्यालय के संस्थापक डॉक्टर सर हरीसिंह गौर से जुड़ी विरासत को संजोने के लिए माननीया कुलपति महोदया की अभिनव संकल्पना है जिसमें डॉ. गौर के व्यक्तिगत पुस्तकालय एवं उनके द्वारा रचित साहित्य, उनके जीवनकाल के विभिन्न चित्रों आदि को महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है। इस संग्रहालय में विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों से जुड़ी संग्रहणीय सामग्री को भी स्थान दिया जा रहा है।
राजभाषा निरीक्षण के दौरान वित्ताधिकारी श्री कुलदीपक शर्मा, सहायक कुलसचिव श्री दीपक शाक्य, श्री आशीष कुमार तिवारी, श्रीमती ए.लक्ष्मी, अनुभाग अधिकारी डॉ. उदय श्रीवास्तव, डॉ. अशोक सैनी, श्री रोहित रघुवंशी, सूचना प्रौद्योगिकी प्रकोष्ठ के पदाधिकारी डॉ. रूपेन्द्र जुगल चौरसिया एवं श्री सचिन सिंह गौतम, जवाहरलाल नेहरू पुस्तकालय के पदाधिकारी डॉ. मोहन टी.ए., डॉ. मुकेश साहू एवं डॉ. अनुराग श्रीवास्तव सहित संबंधित अनुभागों के कर्मचारीगण उपस्थित रहे। निरीक्षण कार्यक्रम का समन्वयन राजभाषा अधिकारी श्री संतोष सोहगौरा ने किया। विशेष सहयोग हिन्दी अनुवादक अभिषेक सक्सेना एवं राजभाषा प्रकोष्ठ के उच्च श्रेणी लिपिक श्री विनोद रजक का रहा।
