सागर। डॉक्टर हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय सागर में अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस 1 मई 2025 के अवसर पर अर्थशास्त्र विभाग द्वारा जवाहरलाल नेहरू केंद्रीय पुस्तकालय के रंगनाथन भवन में एक विशेष व्याख्यान एवं श्रमिकों का सम्मान समारोह आयोजित किया गया। कार्यक्रम की रूपरेखा कार्यक्रम समन्वयक डॉ. वीरेंद्र सिंह मटसेनिया ने प्रस्तुत की। स्वागत भाषण विभागाध्यक्ष डॉ. केशव टेकाम ने दिया. कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता ने कहा कि श्रमिक राष्ट्र की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं उन्होंने कहा कि श्रमिक कड़ी धूप में काम कर हमको छाँव प्रदान करते हैं हम सबके लिए अथक परिश्रम करते हैं झोपड़ी से लेकर मल्टीप्लेक्स तक के निर्माण में योगदान कर राष्ट्र की प्रगति को एक आकार और आधार प्रदान करते हैं उन्होंने अर्थशास्त्र विभाग की इस पहल की भी प्रशंसा करते हुए विभाग में श्रमिक की समस्याओं पर शोध कार्य की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि श्रम का सीधा संबंध अर्थशास्त्र से है, इसलिए श्रमिकों को अर्थशास्त्र एवं अर्थव्यवस्था में उचित स्थान मिलना ही चाहिए उन्होंने कहा कि राष्ट्र की प्रगति में श्रमिकों का महत्त्वपूर्ण योगदान है. हमें उनकी प्रगति में सहयोगी बनना चाहिए। देश और दुनिया में जितना भी आधारभूत संरचनाओं का विकास हुआ है उसमें मजदूरों का ही महत्वपूर्ण योगदान रहा है। किसी भी श्रेष्ठ राष्ट्र के सौन्दर्य की नींव में मजदूरों का श्रम ही है। मजदूरों के कल्याण हेतु हम सबको संयुक्त रूप से प्रयास करना होगा तभी हम उनके योगदान की सार्थकता को प्रमाणित करने में सफल हो सकेंगे। मजदूर का श्रम ही राष्ट्र की समृद्धि और श्रेष्ठता का आधार है कार्यक्रम में श्रमिक दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित भाषण प्रतियोगिता में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को कुलपति ने प्रमाण पत्र प्रदान किया उन्होंने विश्वविद्यालय में कार्यरत श्रमिकों को अंगवस्त्र भेंट कर उनका सम्मान किया।कार्यक्रम की मुख्य वक्ता जिला श्रम अधिकारी सृष्टि तिवारी ने श्रमिकों की समस्याओं को विस्तार से रखते हुए कहा कि भारत को आजाद हुए 75 वर्ष से अधिक हो चुके हैं लेकिन श्रमिकों की बेहतरीन के लिए जो अधिनियम बने हुए हैं उनका ठीक से क्रियान्वयन नहीं हो पा रहा है. जिससे श्रमिकों की स्थितियों में जितना सुधार होना चाहिए था उतना नहीं हो पा रहा है।श्रमिक दिवस के अवसर पर हम सब की जिम्मेदारी है कि हम श्रमिकों को जागरूक बनाएं, जिससे वे बिना किसी संकोच के अपनी समस्याएं साझा कर सकें. हम सब भी उनकी समस्याओं को हल करने हेतु आगे आयें।
कार्यक्रम को मानविकी एवं समाज विज्ञान की अधिष्ठाता प्रो. दिवाकर सिंह राजपूत ने भी संबोधित करते हुए कहा कि निर्माण और पुनर्निर्माण में केवल बौद्धिक ही नहीं बल्कि शारीरिक श्रम की भी जरूरत होती है आज का दिन उनके प्रति सद्भावना व्यक्त करने और उन्हें सम्मान प्रदान करने का दिन है. धन्यवाद ज्ञापन डॉ. वीरेंद्र मटसेनिया द्वारा दिया गया। कार्यक्रम में प्रो. उत्सव आनंद, इंजी राहुल गिरी गोस्वामी, प्रो. राजेश गौतम, डॉ. टी.ए. मोहन, मुकेश कुमार साहू, डॉ. आरबीएम रेड्डी, डॉ. विवेक जायसवाल, डॉ. वीणा थावरे, डॉ. देवेंद्र विश्वकर्मा, समर दीक्षित, इंजी. एस.ए. कुरैशी, डॉ. एकता श्रीवास्तव, डॉ. अखिलेश सिंह सहित विभाग के सभी शोधार्थी एवं विश्वविद्यालय के स्नातक एवं स्नातकोत्तर कक्षा के विद्यार्थियों ने अपनी सक्रिय भागीदारी की।
निर्माणाधीन भवनों में कार्यरत श्रमिकों के लिए निः शुल्क स्वास्थ्य शिविर आयोजित करेगा विश्वविद्यालय
कुलपति ने कहा कि इस वर्ष श्रमिक दिवस की थीम स्वास्थ्य जागरूकता है. इसलिए श्रमिकों का स्वास्थ्य सही रहना आवश्यक है. इस दिशा में पहल करते विश्वविद्यालय अपने परिसर में विभिन्न निर्माणाधीन भवनों में कार्यरत श्रमिकों के लिए निः शुल्क स्वास्थ्य शिविर आयोजित करेगा।
कुलपति ने निर्माणाधीन स्थल पहुँच मिष्ठान्न वितरित कर श्रमिकों को दी शुभकामनाएं
अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस के अवसर पर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता ने प्राचीन भारतीय इतिहास, संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग में निर्माणाधीन विस्तारित संग्रहालय भवन के निर्माण में संलग्न मजदूरों से मुलाकात कर मिष्ठान एवं अन्य खाद्य एवं शीतल पेय पदार्थ भेंट कर उनके कार्यों की प्रशंसा की।इस अवसर पर विभागाध्यक्ष प्रो. नागेश दुबे, विभाग के शिक्षक, शोधार्थी एवं विद्यार्थियों के अतिरिक्त विश्वविद्यालय के इंजीनियरिंग विभाग एवं अन्य शिक्षकगण उपस्थित रहे।