बनारस या हरिद्वार नहीं ये सागर है
सागरI सोमवार को सागर में लाखा बंजारा झील किनारे गंगा आरती का नजारा बनारस और हरिद्वार में की जाने वाली गंगा आरती से कम न था। संध्याकालीन समय दिन ढलने से पहले लाखा बंजारा झील के पानी में ऐसी लहरे उठ रहीं थीं मानो स्वयं गंगा जी की लहरें हों। झील किनारे उपस्थित सभी देखने वाले अचंभित थे। नागरिकों ने लहरों के वीडियो भी बनाये। दिन ढलने के बाद शाम के समय आरती प्रारम्भ होते ही घाट पर पैर रखने के लिये जगह न थी। महिलाओं बच्चों, बुजुर्ग और युवाओं सहित बड़ी संख्या में नागरिकों सहित आगनतुक आरती में शामिल हुये।ढपला-रमतुला, ढोल-नगाड़े की धुन और उज्जैन के डमरू दल की जोरदार आवाज़ के बीच गंगा आरती प्रारम्भ की गई। पुजारीयों ने आरती के दौरान शंख की ध्वनि से वातावरण में ऊर्जा का संचार कर सभी को आरती का संकेत दिया। धूप, गूगल, शुद्ध घी आदि के सुगंधित धुएँ ने वातावरण में आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार कर सुगंधित किया। नागरिकों ने हर्ष-उल्लास के साथ इस आयोजन में शामिल होकर इसे यादगार बनाया।
