सागर I डॉक्टर हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय में भारत सरकार, गृह मंत्रालय, राजभाषा विभाग के निर्देशानुसार केन्द्रीय विश्वविद्यालयों के प्रशासनिक कामकाज में हिन्दी की प्रगति की निगरानी हेतु विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार की उच्चस्तिरीय समिति द्वारा विश्वविद्यालय का राजभाषा निरीक्षण किया गया। निरीक्षण समिति में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के उच्च पदाधिकारीगण डॉ मृगांक शेखर सर्मा, उप सचिव एवं डॉ अमित कुमार वर्मा, शिक्षा अधिकारी उपस्थित रहे समिति ने सर्वप्रथम विश्वविद्यालय के राजभाषा प्रकोष्ठ के अधिकारी एवं कर्मचारियों के साथ बैठक कर राजभाषा कार्य की समीक्षा की तदुपरांत प्रशासनिक एवं नवीन प्रशासनिक भवन स्थित विभिन्न कार्यालयों/अनुभागों में राजभाषा कार्यान्वयन की प्रगति का निरीक्षण किया। समिति ने विश्वविद्यालय परिसर स्थित मालवीय मिशन शिक्षक प्रशिक्षण केन्द्र, भारतीय भाषा प्रकोष्ठष, सूचना प्रौद्योगिकी प्रकोष्ठ एवं जवाहरलाल नेहरू पुस्तकालय का भी दौरा किया तथा राजभाषा क्रियान्वायन की समीक्षा की I

समिति के सदस्यों के विशिष्ट आतिथ्य में माननीय प्रभारी कुलपति प्रो वायएस ठाकुर की अध्यक्षता में आयोजित विश्वविद्यालयी राजभाषा कार्यान्वयन समिति की 48वीं तिमाही बैठक में अपनी बात रखते हुए डॉ मृगांक शेखर सर्मा ने कहा कि केन्द्रीय कार्यालय होने के नाते भारत सरकार की राजभाषा नीतियों का शत-प्रतिशत अनुपालन सुनिश्चित करना हम सभी का उत्तरदायित्व है। उन्होंने बताया कि राजभाषा के प्रगामी प्रयोग को बढ़ावा देने के लिए नियम व नियत दोनों ही आवश्यक हैं। प्रेरणा, प्रशिक्षण एवं प्रोत्साहन की नीति का पालन करते हुए विश्व विद्यालय में राजभाषा कार्यान्व यन हेतु किए जा रहे नवाचार अनुकरणीय हैं जिनका अनुसरण देश के अन्य विश्व विद्यालय भी कर रहे हैं। यह हर्ष का विषय है कि विश्वविद्यालय की माननीया कुलपति प्रो नीलिमा गुप्ता के कुशल नेतृत्व में विश्वविद्यालय राजभाषा कार्यान्वयन की दिशा में अग्रसर है। वे विश्वविद्यालय के शिक्षकों, अधिकारियों एवं कर्मचारियों को अपना कार्यालयीन कामकाज हिन्दी में करने हेतु निरंतर प्रोत्साहित करती रहती हैं I
बैठक के दौरान डॉ अमित कुमार वर्मा ने विश्व विद्यालय के संस्थाचपक डॉक्टर हरीसिंह गौर को नमन करते हुए कहा कि डॉक्टकर गौर का यह विश्वविद्यालय हिन्दी भाषी क्षेत्र ‘क’ में स्थित है, इसलिए वार्षिक लक्ष्य की प्राप्ति हेतु शत-प्रतिशत मूल पत्राचार हिन्दी में किया जाना आवश्यक है उन्होंकने राजभाषा प्रकोष्ठी एवं विश्विविद्यालय के अन्यह विभागों द्वारा किए जा रहे प्रकाशनों तथा विश्व विद्यालय में लागू ‘राजभाषा पदक एवं पुरस्काार योजना की प्रशंसा की। विश्वेविद्यालय की वेबसाइट पर उपलब्ध् सूचनाओं तथा दिव्यांरगों के उपयोग हेतु वेबसाइट पर प्रदत्तर सुविधाओं की भी खूब सराहना की। उन्हों ने राजभाषा प्रकोष्ठस की सराहना करते हुए कहा कि सभी के समन्वित प्रयासों से राजभाषा कार्यान्वयन के लक्ष्यों की पूर्ति किया जाना संभव है I
बैठक की अध्यक्षता करते हुए प्रभारी कुलपति प्रो यशवंत सिंह ठाकुर ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में बताया कि राजभाषा हिन्दी का विकास तभी संभव है जब यह स्वत: स्फूर्त होकर हमारे दैनंदिन कार्यालयीन कामकाज का हिस्सा बन जाए। उन्हों ने कहा कि विश्व विद्यालय के मन एवं आत्माम में हिन्दील है। इसलिए हिन्दीभ में कार्य करते हुए हमें गौरवान्वित महसूस करना चाहिए
समिति के समक्ष विश्वविद्यालय में राजभाषा कार्यान्वायन प्रगति रिपोर्ट प्रस्तु त करते हुए संयुक्त कुलसचिव एवं राजभाषा अधिकारी (प्र) संतोष सोहगौरा ने कहा कि माननीया कुलपति महोदया के मार्गदर्शन में विश्वविद्यालय में न केवल राजभाषा हिन्दी बल्कि अन्य भारतीय भाषाओं के विकास लिए भी उल्लेखनीय नवाचार किए जा रहे हैं। विश्वविद्यालय में ‘भारतीय भाषा प्रकोष्ठ’ एवं ‘हिन्दी क्लब’ का गठन इसके उदाहरण हैं। इसके माध्य्म से विश्विजर्द्यालय में बहुभाषिकता को भी बढ़ावा दिया जा रहा है
बैठक में माननीय अध्यक्ष महोदय, विशिष्ट अतिथियों एवं गणमान्य सदस्यों का आभार व्यक्त करते हुए विश्वविद्यालय के प्रभारी कुलसचिव डॉ सत्यप्रकाश उपाध्याय ने बताया कि विश्वविद्यालय के समस्त शिक्षकों, अधिकारियों, कर्मचारियों तथा विद्यार्थियों के समन्वित प्रयासों से राजभाषा का सफल क्रियान्वयन किया जा रहा है जिसकी बानगी विश्वविद्यालय के राजभाषा प्रकोष्ठे द्वारा प्रस्तुभत प्रगति प्रतिवदेनों में स्पष्ट रूप से परिलक्षित होती है
ध्यातव्य है कि उक्त अवसर पर माननीय प्रभारी कुलपति एवं यूजीसी, नई दिल्लीट से पधारे सम्माननीय अतिथियों द्वारा ‘राजभाषा प्रदर्शनी’ का भी शुभारंभ किया गया। राजभाषा प्रकोष्ठ द्वारा लगायी गयी इस भव्य राजभाषा प्रदर्शनी में दस्तावेजों, प्रतिवेदनों एवं डिजिटल माध्यम से विश्वाविद्यालय में राजभाषा के प्रगामी प्रयोग की प्रगति प्रदर्शित की गयी जिसे दर्शकों द्वारा भी सराहा गया
बैठक में प्रो दिवाकर सिंह राजपूत, प्रो आनंदप्रकाश त्रिपाठी, प्रो चंदा बैन, प्रोवर्षा शर्मा, प्रो डीकेनेमा, प्रो नेत्रपाल सिंह, प्रो अजीत जायसवाल, प्रो नवीन कानगो, प्रो अनिल कुमार जैन, डॉ श्वेकता यादव, प्रो आरटी बेद्रे, डॉ मोहन टीए, डॉ सुरेन्द्र पी गादेवार, डॉ अभिषेक कुमार जैन, एलक्ष्मी, आंजनेय शुक्लार, रूपेन्द्रद कुमार चौरसिया, सचिन सिंह गौतम,राजकुमार पाल, राहुल गिरी गोस्वारमी, ब्रजभूषण सिंह, डॉ संजय शर्मा, डॉ विवेक जायसवाल सहित विश्वविद्यालय के विभिन्न अध्ययनशालाओं के अधिष्ठातागण, निदेशकगण, प्रशासनिक अधिकारीगण एवं राजभाषा प्रकोष्ठ के कर्मचारीगण उपस्थित रहे। बैठक का संचालन हिन्दी अनुवादक अभिषेक सक्सेना ने किया। विशेष सहयोग विनोद रजक का रहाI