नरसिंहपुर/ नमन दुबे
नरसिंहपुरI विगत दिवस दिनांक 8 मई को विश्व थैलेसीमिया दिवस रेलवे हॉस्पिटल रेलवे स्टेशन नरसिंहपुर में मनाया गयाI
रेलवे शिक्षक डॉ आर आर कुर्रे ने बताया कि थैलेसीमिया एक अनुवांशिकी खून की कमी से होने वाली बीमारी हैI
उन्होंने बताया कि थैलेसीमिया का इलाज ब्लड ट्रांसफ्यूजन के लेसन थेरेपी, बोन मैरो ट्रांसफर ही विकल्प है
हमें क्या करना चाहिए
यह एक आनुवंशिकी बीमारी है अतः माता-पिता के द्वारा बच्चों में होता है. आदिवासी इलाकों में 48%यह बीमारी है.
थैलेसीमिया से प्रभावित बच्चों में आयरन की मात्रा बढ़ने लगती है जिसे हार्ट में काफी दुष्प्रभाव होता हैI हाल ही की थैलेसीमिया को नियंत्रित करने के लिए दवा दी जाती हैI
ब्लड ट्रांसफ्यूजन में भी कई बार हेपेटाइटिस बी और एचआईवी भी मिल जाता है जो काफी खतरनाक होता हैI
यह एक क्रॉनिक ब्लड डिसऑर्डर है जिससे मरीज के शरीर में पर्याप्त मात्रा में हीमोग्लोबिन नहीं बन पाता जिससे खून की कमी होती हैI एनीमिया को दूर करने के लिए दो से तीन सप्ताह में हमें ब्लड देने की जरूरत पड़ जाती हैI
इसके लक्षण
- खून की कमी होना यानी एनीमिया होना
- भूख कम होना त्वचा पीली पड़ना
- स्प्लीन तथा लीवर बढ़ा हुआ मिलना
- एनीमिया से खून की कमी के साथ हड्डी कमजोर होना
जांच कैसे होती है तो
खून की जांच से यह बीमारी पता लगाया जा सकता है

क्या खाना चाहिए
- खून बढ़ाने वाली दवा फोलिक एसिड
- खाने में चुकंदर
- संतुलित भोजन लेना चाहिए
इसका उपचार
ब्लड ट्रांसफ्यूजन
हमें रोकने के लिए क्या करना चाहिए
शादी के पहले जिस तरीके से कुंडली मिलाया जाता हैI इस तरह से खून की जांच कर हम इस बीमारी को रोक सकते हैंI
