ऋषि परंपरा भारत की समृद्ध और गौरवशाली धरोहर है, हमारी आर्ष परंपरा सर्वाधिक अर्वाचीन- प्रियांशी अवस्थी
सागर I मध्यप्रदेश शासन उच्च शिक्षा विभाग के द्वारा भारतीय ज्ञान परंपरा के अंतर्गत पं. दीनदयाल उपाध्याय शासकीय कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय सागर में भारतीय ज्ञान परंपरा प्रकोष्ठ के अंतर्गत ऋषि परंपरा और शिक्षा विषय पर भाषण प्रतियोगिता अतः भारतीय संस्कृति पर आधारित समूह लोक नृत्य संभाग स्तरीय प्रतियोगिता का आयोजन डॉ. सरोज गुप्ता प्राचार्य के मार्गदर्शन में किया गया। उद्घाटन संत्र में डॉ. सरोज गुप्ता ने कहा कि लोक नृत्य लोक मान्यताओं के आधार पर गढ़े गये है। संभाग स्तरीय प्रतियोगिता में सागर, दमोह, छतरपुर, टीकमगढ़, पन्ना तथा निवाडी की टीमो ने सहभागिता की ऋषि पंरम्परा और शिक्षा विषय पर भाषण प्रतियोगिता में संभाग के विभिन्न महाविद्यालयों से संभागत 12 प्रतियोगितायों ने सहभागिता की और अपनी श्रेष्ठतम भाषण प्रस्तुति दी जिसमें प्रतिभागियों ने भारतीय ज्ञान परंपरा के अंतर्गत ऋषियों की दिनचर्या, गुरू शिष्य संबंध, ब्रह्मचर्य और भारतीय ज्ञान-विज्ञान की विश्व में श्रेष्ठता पर अपने विचार व्यक्त किए। भाषण प्रतियोगिता के प्रथम विजेता शासकीय महाविद्यालय बड़ामलहरा की छात्रा प्रियांसी अवस्थी ने अपने भाषण में कहा ऋषि परंपरा भारत की समृद्ध और गौरवशाली धरोहर है। हमारी आर्ष परंपरा सर्वाधिक अर्वाचीन है। जो अवतार रुप में इस धरती पर आए उन्होंने भी ज्ञान और विद्या के लिए ऋषियों की शरण ली। भगवान राम के गुरु वशिष्ठ और श्रीकृष्ण के संदीपनी सर्वज्ञात हैं।

इस बात को समझते हुए ही विद्यार्थियों को भारतीय शिक्षा नीति में ज्ञान परंपरा से अवगत कराने का उपक्रम रचा गया है। द्वितीय स्थान प्राप्त शासकीय महाविद्यालय टीकमगढ़ छात्रा शिवी यादव ने कहा कि वेद, उपनिषद, पुराण के विभिन्न प्रसंगों का उल्लेख करते हुए कहा कि हमारे ऋषियों ने जो खगोलशास्त्र, ज्योतिष शास्त्र, चिकित्सा विज्ञान में उपलब्धियां अर्जित की थीं वह अद्वितीय हैं। तृतीय स्थान प्राप्त संजय रैकवार शासकीय महाविद्यालय दमोह ने अपने संभाषण में वेद की रिचाएं, श्लोक उनके वर्तमान जीवन में प्रासंगिकता पर भी अपनी नवीन दृष्टि रखी। निर्णायकों में डॉ. सर्वेश्वर उपाध्याय, डॉ. आशीष द्विवेदी और श्री टीकाराम त्रिपाठी सम्मिलित थे। कार्यक्रम के प्रभारी डॉ. राणा कुंजर सिंह तथा संचालन डॉ. भरत शुक्ला द्वारा किया गया।
समूह लोक नृत्य में बरेदी एवं राई नृत्य की धूम रही महाविद्यालय के सांस्कृतिक सभागार में संभाग स्तरीय इस प्रतियोगिता के आयोजन में विद्यार्थियों ने बहुत अधिक रूचि लेकर प्रतिभागियों का उत्साहबर्धन किया शासकीय कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय के विद्यार्थियों की बरेदी नृत्य में श्रीकृष्ण और ग्वालों के साथ मनमोहक प्रस्तुति एवं जीवन्त भाव भंगिमाओ ने प्रथम स्थान दिलाया। द्वितीय स्थान प्राप्त शासकीय कन्या महाविद्यालय सागर द्वारा भी मनमोहक एवं उत्कृष्ट बरेदी नृत्य प्रस्तुत किया गया जिसमें श्रीकृष्ण के द्वारा गोपियो के साथ नृत्य की प्रस्तुति की गई। तृतीय स्थान पर शासकीय महाविद्यालय पलेरा के द्वारा राई नृत्य की प्रस्तुति की गई। निर्णायको में डॉ. राकेश सोनी, ओ.पी. द्विवेदी तथा मंगल यादव शामिल रहे। कार्यक्रम का संचालन डॉ. अमर कुमार जैन तथा आभार डॉ. संगीता मुखर्जी कार्यक्रम प्रभारी द्वारा किया गया कार्यक्रम में डॉ. इमराना सिद्दीकी, डॉ. शुचिता अग्रवाल, डॉ. रेणु सोलकी, डॉ. संगीता कुम्भारे, डॉ. कनिष्क तिवारी, डॉ. शिखा चौबे, सहित 500 विद्यार्थी उपस्थित थे।
