संसार में यह निर्विवाद रूप से सत्य है कि ज्ञान परंपरा की शुरुआत वेदो से होने के साथ गुरू शिष्य परंपरा का प्रादुर्भाव भी वेदो से हुआ है - श्री राम परिहार
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भारतीय ज्ञान परंपरा में नैतिक मूल्यों के साथ विनम्रता के संस्कार भी दिये जाते है – डॉ.
रेखा बरेठिया

सागर / मध्यप्रदेश शासन उच्च शिक्षा विभाग के द्वारा भारतीय ज्ञान परंपरा के अंतर्गत पं. दीनदयाल उपाध्याय शासकीय कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय सागर मे वेदिक साहित्य की वर्तमान जीवन पद्धति में प्रासंगिकता विषय पर संभाग स्तरीय निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें सागर, दमोह, छतरपुर निवाड़ी टीकमगढ़ तथा पन्ना जिले की टीमो ने सहभागिता की। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. श्रीराम परिहार पूर्व प्राचार्य नीलकंटेश्वर शासकीय महाविद्यालय खण्डवा ने विद्यार्थियों को भारतीय ज्ञान परंपरा के विषय में बताते हुये कहा की संसार में यह निर्विवाद रूप से सत्य है कि ज्ञान परंपरा की शुरूआत वेदो से होने के साथ गुरू शिष्य परंपरा का प्रादुर्भाव भी वेदो से हुआ है। भारत की भूमि इतनी पवित्र है की विदेशी व्यक्ति भी हमारे ज्ञान की परंपरा को देखने के लिए सदियों से आ रहे है। प्रकृति ने प्रत्येक मनुष्य को अलग-अलग प्रतिभा दी है यही कारण है कि समग्र न होकर समग्र होने के लिए प्रयास रत रहता है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही डॉ. रेखा बरेठिया अतिरिक्त संचालक उच्च शिक्षा ने कहा भारतीय ज्ञान परंपरा में नैतिक मूल्यों के साथ विनम्रता के संस्कार भी दिये जाते है। जब वायु का तीव्रवेग होता है तब बड़ी-बड़ी इमारते गिर जाती है लेकिन घास विनम्र होकर उस वेग का सामना कर लेता है। डॉ. सरोज गुप्ता प्राचार्य ने कहा भारतीय ज्ञान परंपरा भारत की समृद्ध और विविधता पूर्ण व्रासत है भारतीय  दर्शन का केन्द्र बिन्दु उप निसद माने जाते है जो वेदो का ही हिस्सा है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में भारतीय ज्ञान परंपरा को केन्द्र बिन्दु में रखा गया है। निबंध प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त छात्रा कु. प्रियंका मिश्रा शासकीय छत्रसाल महाराजा महाविद्यालय, महराजपुर ने ज्योतिष शास्त्र के विषय में बताया की ग्रहो और नक्षत्रों की गणना और उनके प्रभाव का अध्ययन करने का नाम ही ज्योतिष शास्त्र है। द्वितीय स्थान प्राप्त करने वाले कु. करिश्मा विश्वकर्मा, शासकीय कन्या माहविद्यालय सागर ने निबंध में भारतीय ज्ञान परंपरा में वेदो का वर्तमान जीवन में महत्व को दर्शाया तृतीय स्थान प्राप्त ओमिका दीक्षित, शासकीय महाविद्यालय टीकमगढ़ ने वेदो की संरचना एवं ऋचाओं पर प्रकाश डाला। 

निबंध प्रतियोगिता के निर्णायक डॉ. आशीष द्विवेदी, श्री टीकाराम त्रिपाठी, डॉ. करूणा ठाकुर ने भी विद्यार्थियों को प्रतियोगिता के उपरांत अपने अपने विचारों से अवगत कराया। कार्यक्रम का संचालन एवं संयोजन डॉ. अमर कुमार जैन जिला नोडल अधिकारी भारतीय ज्ञान परंपरा ने तथा आभार डॉ. अभिलाषा जैन कार्यक्रम प्रभारी ने किया कार्यक्रम में डॉ. कनिष्क तिवारी डॉ. राखी गौर, डॉ. अंकुर गौतम, डॉ. प्रतिक्षा जैन, सहित विद्यार्थी उपस्थित थे।


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