अरहर की सिलेक्शन विधि से तैयार देशी प्रजाति की प्राकृतिक जैविक खेती – आकाश चौरसिया
ज्योति शर्मा-जनतंत्र सेतु न्यूज़/ यह प्रजाति एक बार लगाने पर कई वर्ष तक फलन देती है साल में दो बार फलन देती है दोनों कटिंग मिलाकर 8 से 10 क्विंटल प्रति एकड़ उपज होती है ।
इस प्रजाति को 13 वर्ष पूर्व सागर में तैयार किया गया था और अब तक लगातार इसमें कई सुधार किये गये सागर देशी बीज बैंक में यह प्रजाति संरक्षित है ।
पिछले 13 वर्षों से देश के कृषकों को बीज की आनुवंशिक शुद्धता और गुणवत्ता बनाये रखने के लिये लगातार निःशुल्क प्रशिक्षण दिया जा रहा है अब तक 2 लाख 75 हज़ार से ज़्यादा कृषकों को पूरे देश में बीज उपलब्ध कराया गया है और बीज बनाने के तरीक़े भी बताये गये है ।
इसकी फल्ली लंबी 4 से 6 दाने की होती है दाना बोल्ड बड़ा होता है एक एकड़ में एक किलो बीज लगता है 5 वाई 5 फीट के अंतर से लगाना होता है । किसान भाई इसके साथ अन्य फ़सले अंतर्वर्तीय और मिक्स प्रणाली से लगा सकते है । इस दाल की प्रजाति में प्रोटीन अधिक और फ़ाइबर अधिक होता है जो सेहत के लिए भी लाभ कारी है ।
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आकाश चौरसिया
प्राकृतिक जैविक कृषि सागर मध्यप्रदेश
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