डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर के नवनिर्मित स्व. अब्दुल गनी खान स्टेडियम का गुरुवार को लोकार्पण कार्यक्रम मुख्य अतिथि डॉ. वीरेंद्र कुमार, कैबिनेट मंत्री सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार, विशिष्ट अतिथि अटल विहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय बिलासपुर (छ.ग) के कुलपति प्रो. ए. डी. एन. वाजपेयी और विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता की गरिमामयी उपस्थिति में सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर स्व. अब्दुल गनी खान के पुत्र मोहम्मद रफीक गनी खान एवं परिवार के अन्य सदस्य भी उपस्थित थे। कार्यक्रम का शुभारंभ डॉ. गौर एवं स्व. अब्दुल गनी खान की प्रतिमा पर माल्यार्पण के साथ हुआ।
इस अवसर पर डॉ वीरेंद्र कुमार ने कहा कि प्राकृतिक सौन्दर्य के बीच स्थापित डॉक्टर हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय डॉ. गौर के महान संकल्पों एवं सपनों की देन है। यहाँ के विद्यार्थी अपने कार्यों के माध्यम से राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विश्वविद्यालय नाम रोशन कर रहे हैं। डॉ. गौर के अवदान को नमन करते हुए उन्होंने कहा की डॉ. गौर केवल सागर के सपूत ही नहीं थे बल्कि वे देश के अनमोल रत्नों में से एक थे। उनका इस धरती पर बहुत बड़ा उपकार है। जब तक सागर अस्तित्व में रहेगा तब तक उनके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। पूरे देश में आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है और हम इस पूरे वर्ष में देश की आजादी के लिए स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के संघर्षों और योगदानों को याद कर रहे हैं। ऐसे में सागर की धरती पर जन्मे स्वतंत्रता संग्राम के नायक स्व. अब्दुल गनी खान के नाम पर डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय में निर्मित इस स्टेडियम का लोकार्पण करते हुए गौरव का अनुभव हो रहा है।
उन्होंने कहा कि खेल जीवन का आवश्यक अंग है। खेल एक ऐसा माध्यम है जिससे समाज के अलग-अलग वर्गों के बीच आपसी सौहार्द और सद्भाव का वातावरण निर्मित होता है। खेल का मैदान सामाजिक समरसता, एकात्मता और राष्ट्रीयता का स्थापित करने का श्रेष्ठ उदाहरण है। प्रतियोगिता के साथ साथ खेल के माध्यम से एक दूसरे से मिलना होता है जिससे आपस में मित्रता और आत्मीय संबंध स्थापित होते हैं। उन्होंने भारतीय विश्वविद्यालय संघ और विश्वविद्यालय का ध्वजारोहण कर विश्वविद्यालय में आयोजित चार दिवसीय वेस्ट जोन अंतर-विश्वविद्यालय खो-खो (पुरुष) प्रतियोगिता का शुभारम्भ किया।
डॉ वीरेंद्र कुमार ने विश्विद्यालय के लिए 300 सीट की क्षमता के ओबीसी/अनुसूचित जाति/जनजाति कन्या छात्रावास और डॉ. अम्बेडकर उत्कृष्ट केंद्र की घोषणा की। उन्होंने कहा कि पूरे देश में इस समय 30 केंद्र संचालित हैं। इसमें एससी/एसटी/ओबीसी के विद्यार्थियों को विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के निःशुल्क कोचिंग एवं प्रशिक्षण दिया जाएगा। उन्होंने 500 सीट की क्षमता के निर्माणाधीन बालक छात्रावास की अगली ग्रांट की भी घोषणा की , जिससे इंफ्रास्ट्रक्चर का कार्य पूरा किया जा सकेगा। इसी के साथ विश्वविद्यालय में स्थापित अम्बेडकर अध्ययन केंद्र की अनुदान राशि बढ़ाकर 75 लाख रूपये करने की घोषणा भी की
व्यक्तित्व के समग्र विकास के लिए खेल आवश्यक अंग- कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता
कुलपति प्रो नीलिमा गुप्ता ने कहा कि मंत्रालय से मिले अनुदान के माध्यम से हमारा विश्वविद्यालय दिन-प्रतिदिन और अधिक ऊंचाई पर पहुंचेगा और यहाँ के विद्यार्थियों, शिक्षकों और समाज के लोग इससे लाभ ले पायेंगे। उन्होंने कहा कि स्टेडियम के माध्यम से रतौना आन्दोलन के महानायक स्व. अब्दुल गनी खान हमेशा के लिए अमर हो गए । उन्होंने कहा की पढ़ाई के साथ-साथ खेल आवश्यक है। इस माध्यम से मनोरंजन भी होता है, शरीर भी स्वस्थ रहता है और हम प्रकृति के नजदीक रहते हैं। इस माध्यम से हम भारत सरकार के ‘फिट इंडिया’ के ध्येय को भी साकार कर पायेंगे। इस नवनिर्मित स्टेडियम से विश्वविद्यालय के विद्यार्थी और नागरिक समाज खेलों से जुड़ पाएंगे। उन्होंने स्टेडियम में मौजूद आधुनिक साज-सज्जा युक्त सुविधाओं की विस्तृत जानकारी दी। उन्होने खेल के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि जो लोग खेल में सक्रिय रहते हैं उनका मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य तुलनात्मक रूप से बेहतर होता है। खेल के माध्यम से हम जीवन के अनुभव को सीखते हैं और यह हमे मनोरंजन के साथ स्फूर्ति भी प्रदान करते हैं।
व्यक्ति के भीतर खेल भावना होना अनिवार्य- प्रो. वाजपेयी
अटल विहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय बिलासपुर (छ.ग) के कुलपति प्रोफेसर ए.डी.एन. वाजपेयी ने कहा कि वे इस ऐतिहासिक क्षण का साक्षी बनने पर बहुत सम्मानित और गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि डॉ हरीसिंह गौर का योगदान पंडित मदन मोहन मालवीय के योगदान जैसा ही है। इसलिए हमें डॉ गौर के लिए भी ‘महामना’ शब्द उपयोग करना चाहिए। उन्होंने कहा कि खेल युवा कल्याण का महत्वपूर्ण भाग है। आज खोखो प्रतियोगिता का उद्घाटन हो रहा है. कोविड के बाद इस तरह के आयोजन युवाओं में एक नए जोश और उमंग का संचार करेंगे। खेल में हार-जीत होती रहती है लेकिन व्यक्ति में खेल भावना का होना बहुत ही जरूरी है। उन्होंने खिलाड़ियों को जीवन की प्रतियोगिता में जीतने के लिए शुभकामनाएं दीं।
मुख्य अतिथि डा. वीरेंद्र कुमार ने क्रान्तिज्योति सावित्रीबाई फुले की 125वीं पुण्यतिथि पर विश्वविद्यालय के समाज विज्ञान शिक्षण अधिगम केंद्र (टीएलसी) सावित्रीबाई फुले भवन जाकर उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। उन्होंने केंद्र के पुस्तकालय का निरीक्षण किया और केंद्र परिसर में पौधारोपण भी किया।