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Delhi: महिला एवं बाल विकास मंत्रालय (एमडब्ल्यूसीडी) ने सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (एमओआरटीएच), नागर विमानन मंत्रालय, रेलवे बोर्ड और सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सार्वजनिक स्थानों पर समय-समय पर महिलाओं और बच्चों के लिए फीडिंग रूम और चेंजिंग रूम स्थापित करने के लिए लिखता रहा है। नागर विमानन मंत्रालय ने बताया है कि भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) के तहत हवाई अड्डों और गैर-एएआई हवाई अड्डों पर क्रमशः 164 और 148 फीडिंग रूम / चेंजिंग रूम स्थापित किए गए हैं। इसके अलावा, एमओआरटीएच ने राज्य सड़क परिवहन उपक्रमों के संघ द्वारा प्रदान की गई जानकारी को अग्रेषित किया है, जिसके अनुसार तेलंगाना राज्य सड़क परिवहन निगम (टीएसआरटीसी) के 26 बस स्टेशनों, कोयंबटूर में तमिलनाडु राज्य परिवहन निगम (टीएनएसटीसी) के 2 बस स्टेशनों और उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (यूपीएसआरटीसी) के 50 बस स्टेशनों पर फीडिंग रूम उपलब्ध हैं। दिल्ली, गोवा, चंडीगढ़ और मेघालय सहित राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेश ने भी इस संबंध में की गई कार्रवाई की सूचना दी है।

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के सचिव ने सभी मंत्रालयों/विभागों के सचिवों और सभी राज्य सरकारों तथा केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को एक परामर्श भेजा है, जिसमें कामकाजी महिलाओं की भलाई सुनिश्चित करने तथा कार्यालय परिसर के अंदर और बाहर उनकी जरूरतों को पूरा करने के लिए सार्वजनिक स्थानों पर लैंगिक अनुकूल स्थान बनाने की आवश्यकता के बारे में बताया गया है, ताकि अर्थव्यवस्था में उनकी पूर्ण और सार्थक भागीदारी को प्रोत्साहित किया जा सके। इस परामर्श में मंत्रालयों और विभागों के कार्यस्थलों तथा उनसे संबद्ध संस्थानों में लैंगिक अनुकूल स्थान बनाने के लिए गतिविधियों की एक सांकेतिक सूची शामिल है, जैसा कि नीचे बताया गया है:

• महिला कर्मचारियों की मासिक धर्म स्वच्छता संबंधी मूलभूत आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए शौचालयों में सैनिटरी पैड वेंडिंग मशीन और भस्मक मशीनों की स्थापना।

• भोजन कक्ष, शौचालय और योग कक्ष के लिए स्थान आवंटित करना।

• कामकाजी माताओं की सहायता के लिए 50 या अधिक कर्मचारियों वाले प्रत्येक सार्वजनिक भवन में कम से कम एक शिशुगृह सुविधा स्थापित करना।

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए मिशन शक्ति के तहत ‘पालना’ हिस्से को लागू करता है, जिसके अंतर्गत बच्चों को डे केयर सुविधाएं और सुरक्षा प्रदान करने पर विशेष ध्यान दिया जाता है। पालना के तहत, मंत्रालय ने आंगनवाड़ी सह शिशु गृह (एडब्ल्यूसीसी) के जरिए बाल देखभाल की निःशुल्क सेवाएं प्रदान की हैं। विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से प्राप्त प्रस्तावों के के मुताबिक, आज तक 34 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 11,395 एडब्ल्यूसीसी को स्वीकृति दी गई है।


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