सिंहस्थ-2028
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सागर I सिंहस्थ-2028: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि सिंहस्थ-2028 में आने वाले श्रद्धालुओं के लिये विशेष व्यवस्थाऍ करने राज्य सरकार की टीम ने एकजुट होकर निरंतर कार्य कर रही है। राज्य स्तर पर टास्क फोर्स का गठन भी किया जा चुका है। सिंहस्थ- 2028 की व्यवस्थाओं के लिए वित्तीय वर्ष 2024-25 में 500 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। मांक्षिप्रा के शुद्धीकरण के लिए 599 करोड़ रूपये लागत की कान्ह-क्लोज डक्ट परियोजना का कार्य प्रगतिरत है। साथ ही उज्जैन में आवागमन के लिये चौतरफा सड़क, ब्रिज बनाकर फोर-लेन मार्ग भी बनाये जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सिंहस्थ आवागमन और सौन्दर्यीकरण से संबंधित अनेक अधोसंरचनात्मक विकास के कार्य प्रगतिरत हैं। उज्जैन पहुँचने वाले श्रद्धालु, विशेष रूप से बुजुर्ग श्रद्धालुओं के लिये ऐसी व्यवस्था की जा रही है, जिससे वे कम समय में सहजता से क्षिप्रा के घाटों और श्रद्धा स्थलों तक पहुँच सकें। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि उज्जैन में साधु-संतों के लिये इस बार विशेष पहल कर हरिद्वार की तरह स्थायी धार्मिक नगरी और आश्रम बनाये जायेंगे। इसके लिये सभी 13 अखाड़ों के महामंडलेश्वर, संत-महंतों के लिये आवश्यक भूमि उपलब्ध कराई जायेगी। इन प्रयासों से धार्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सिंहस्थ-2028 के माध्यम से उज्जैन को विश्व पटल पर प्रमुखधार्मिक पर्यटन केन्द्र के रूप में पहचान दिलाने के समग्र प्रयास किये जा रहे है। आगामी सिंहस्थ को दृष्टिगत रखते हुए उज्जैन के श्री महाकालेश्वर मन्दिर की पहुंच को और अधिक सुगम बनाने के लिये सदावल में हेलीपेड का निर्माण भी किया जायेगा। साथ ही उज्जैन की हवाई पट्टी को एयरपोर्ट बनाने की पहल भी की जा रही है। उज्जैन को जोड़ने वाले चारों ओर के मार्गों को फोरलेन किया जायेगा, जिससे जिले के ग्रामीण क्षेत्र मुख्य मार्गों से जुड़ेंगे। सिंहस्थ में आने वाले श्रद्धालुओं के साथ ही उज्जैन शहर और उज्जैन ग्रामीण के बिजली उपभोक्ताओं की सुविधा के लिये स्थाई प्रकृति के 62 करोड़ के कार्यों को मंजूरी दी गई है। इसमें आधुनिक बिजली ग्रिड, नवीन विद्युत लाइन, इंटर कनेक्शन और नवीन उपकेन्द्र बनाये जायेंगे।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि लोक निर्माण से लोक कल्याण के उद्देश्य से उज्जैन में 658 करोड़ से अधिक के विकास एवं निर्माण कार्यों का भूमि-पूजन हो चुका है। इनमें प्रमुख रूप से हरिफाटक-लालपुल-मुल्लापुरा फोरलेन मार्ग शंकराचार्य चौराहा से चंदूखेड़ी, 2 नग 2 लेन आरओबी और क्षिप्रा पर 2-लेन ब्रिज सहित फोरलेन मार्ग, उज्जैन बड़नगर बाईपास टू-लेन मार्ग निर्माण कार्य, बडावदा-कलसी-नागदा से दोत्रु मार्ग का निर्माण, नागदा गिद्धगढ़ विदखेड़ा मोकड़ी मार्ग, तपोभूमि से हामूखेड़ी मार्ग, रालामंडल-कांकरिया-चिराखान-लेकोडा़-झिरोलिया-बारोदा-हमीरखेड़ी-उमरिया मार्ग, लालपुर से चिंतामन गणेश मंदिर, बड़ापुल-रणजीत-हनुमान-मोजमखेड़ी मार्ग, वाकंणकर पुल से दाऊद खेड़ी, करोहन-नाईखेड़ी-पंचक्रोशी मार्ग, खाचरोद-बड़नगर-बायपास, सेदरी से बड़ावदा, मुरानाबाद से बेड़ावन्या, रतलाम खाचरोद का शेष भाग का मजबूतीकरण, सदावल हेलीपैड निर्माण, जहांगीरपुर से चामुंडा माता मार्ग, रूदाहेड़ा से गुनई-महिदपुर से काचरिया एवं महिदपुर से नागेश्वर तीर्थ, सुतारखेड़ा एप्रोच रोड-मीन रोड से सुतारखेड़ा एवं रूदाहेड़ा एप्रोच रोड और मक्सी-तराना-रूपाखेड़ी एवं कानीपुरा-तराना मार्ग, मास्टर माईंड स्कूल तराना से लिम्बादित मेन रोड का काम प्रारंभ किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि उज्जैन में महाकाल लोक विकसित होने के बाद उज्जैन वैश्विक स्तर पर पहचान बना चुका है। यहाँ आने वाले श्रृद्धालुओं की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है। इसके दृष्टिगत वर्ष 2028 में होने वाले सिंहस्थ के लिये अभी से कार्य प्रारंभ कर दिये है, जिससे यहाँ आने वाले श्रृद्धालु और नागरिकों को परेशानी का सामना न करना पड़े।


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