लता मंगेशकर
शेयर करें

आज भारत की महान गायिका स्वर कोकिला लता मंगेशकर की 95वीं जयंती है। सुरों की देवी के नाम से मशहूर लता मंगेशकर ने भारतीय संगीत जगत में अद्वितीय योगदान दिया है। उनका संगीत आज भी देशवासियों के दिलों में जीवंत है।

महान गायिका लतामंगेशकर की जयंती की मौके पर प्रसिद्ध रेत कलाकार सुदर्शन पटनायक ने पुरी समुद्र तट पर लतामंगेशकर की सुंदर कलाकृति बनाई । 

लता मंगेशकर का जन्म 28 सितंबर 1929 को इंदौर में हुआ था। उन्होंने 1940 के दशक में गायन की शुरुआत की और छह दशकों से अधिक के करियर में 36 भाषाओं में लगभग 30,000 गानों को अपनी आवाज़ दी। उनकी सुरीली आवाज़ ने उन्हें राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई।

प्रधानमंत्री ने लता मंगेशकर को उनकी जन्म-जयंती पर याद किया

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज महान गायिका लता मंगेशकर को उनकी जन्म-जयंती पर श्रद्धांजलि दी। प्रधानमंत्री मोदी ने दिवंगत गायिका के साथ अपने संबंधों को याद करते हुए एक लेख भी साझा किया।

प्रधानमंत्री ने एक्स पर पोस्ट किया:

“लता दीदी को उनकी जन्म-जयंती पर याद कर रहा हूँ। अपने भावपूर्ण गीतों के कारण वे हमेशा लोगों के दिल और दिमाग में जीवित रहेंगी। लता दीदी और मेरे बीच एक विशेष रिश्ता था। मुझे उनका स्नेह और आशीर्वाद प्राप्त करने का सौभाग्य मिला है।”

लता मंगेशकर को उनकी संगीत सेवा के लिए कई पुरस्कारों से नवाजा गया, जिनमें भारत रत्न, दादा साहेब फाल्के पुरस्कार, और पद्म विभूषण , दुनिया में सबसे अधिक गीत गाने का गिनीज़ बुक रिकॉर्ड शामिल हैं। आज उनकी जयंती पर देशभर में संगीत प्रेमियों और बड़े कलाकारों ने सोशल मीडिया और विभिन्न मंचों पर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी।

लता मंगेशकर, जिन्हें “स्वर कोकिला” के नाम से भी जाना जाता है, भारतीय संगीत इतिहास की महानतम गायिकाओं में से एक थीं। उनके जीवन से जुड़े कुछ रोचक तथ्य इस प्रकार हैं:

  • 6 दशकों से अधिक का करियर: लता मंगेशकर ने 1942 में अपने करियर की शुरुआत की थी और 2000 के दशक तक गाया। उनके गाए गानों की संख्या 25,000 से अधिक मानी जाती है।
  • पहला गाना : लता मंगेशकर ने पहली बार मराठी फिल्म किती हसाल (1942) के लिए गाना गाया था, लेकिन यह गाना फिल्म में शामिल नहीं किया गया। बाद में उनका पहला हिंदी गाना फिल्म आपकी सेवा में (1947) के लिए था।
  • गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड: लता मंगेशकर का नाम एक समय गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में सबसे ज्यादा गाने रिकॉर्ड करने के लिए दर्ज हुआ था।
  • राष्ट्रीय सम्मान: उन्हें भारत रत्न (2001), पद्म भूषण (1969), पद्म विभूषण (1999), और दादा साहेब फाल्के अवार्ड (1989) से सम्मानित किया गया था।
  • “ऐ मेरे वतन के लोगों”: 1963 में लता जी ने यह गाना गाया, जिसने पूरे देश को भावविभोर कर दिया। इसे सुनने के बाद, तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की आंखों में आंसू आ गए थे।
  • आवाज की विशिष्टता: लता मंगेशकर की आवाज इतनी साफ और मधुर थी कि उन्होंने लगभग हर प्रमुख अभिनेत्री के लिए पार्श्व गायन किया, चाहे वह मधुबाला हो, वहीदा रहमान हो या हेमा मालिनी।
  • उत्कृष्ट संयम: लता जी ने कभी भी व्यक्तिगत शोहरत या नाम की लालसा नहीं की, बल्कि वे हमेशा अपने काम और संगीत में ही रमी रहीं।
  • कोई औपचारिक संगीत प्रशिक्षण नहीं: यह जानकर हैरानी होती है कि लता मंगेशकर ने कभी औपचारिक संगीत शिक्षा नहीं ली थी, फिर भी उनकी आवाज ने शास्त्रीय संगीत से लेकर पॉप तक सभी शैलियों में उत्कृष्टता दिखाई।

लता मंगेशकर की आवाज़ आने वाली पीढ़ियों के लिए एक प्रेरणा रहेगी, और भारतीय संगीत जगत में उनका योगदान अमूल्य है।


शेयर करें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!