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  • ज्योति शर्मा, सागर
“प्राकृतिक सौंदर्य की कविता, बहती है हर बूंद,
सूरज की पहली किरण, जीवन को दे नया स्वरूप।”

सूरज की पहली किरण नए एक दिन की शुरुआत का प्रतीक होती है। यह प्रेम भरी प्रकृति का संदेश है, जो सब को जागरूक करने का संकेत करता है। सूर्योदय के साथ आने वाली पहली किरणें पृथ्वी को नए आशाओं और ऊर्जा के साथ भर देती हैं। मानो ये किरणें कह रही है I जो हैं वो अभी है यदि आज तुम इस भोर भरी किरणों से भी न जागे तो न जाने तुम इस समय के किस मोड़ पर पीछे छूट जाओगें की आज का सामना भी न कर पाओगें।

यह मौन संवेदनशीलता का समय है जब प्राकृतिक सौंदर्य सारे वातावरण को सकारात्मकता ऊर्जा से भर देता है। सूरज की पहली किरणें समय की गति को महसूस कराती हैं, एक नए दिन का स्वागत करती हैं जिसमें हर क्षण में नया आगाज होता है।इन किरणों का प्रकाश , उषा के साथ मिलकर प्राकृतिक सौंदर्य को और भी चमका देता है। सूर्योदय के समय, जगह-जगह प्रकृति की सुंदरता को देखकर मनुष्य का हृदय हर्षित हो जाता है और नये उत्साह से भर जाता है।

सूरज की पहली किरण एक नए दिन की आशा, सकारात्मकता, और नई शुरुआत का संकेत है। यह हमें याद दिलाती है कि जीवन में हमें हमेशा नया आरंभ करने का अवसर मिलता है, और हर सुबह एक नई शुरुआत हो सकती है।


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