भारतीय सेना ने 3 अप्रैल 2022 को सेना चिकित्सा कोर का 258वां स्थापना दिवस मनाया। कोर का आदर्श वाक्य “सर्व सन्तु निरामया” है, जिसका अर्थ है “सभी को रोग और दिव्यांगता से मुक्त होने दें”।
सेना चिकित्सा कोर ने युद्ध और शांति समय में रक्षा बलों एवं विदेशी मिशनों में संयुक्त राष्ट्र शांति सेना को स्वास्थ्य देखभाल तथा
असैन्य अधिकारियों को आपदा प्रबंधन के दौरान चिकित्सा सेवाएं प्रदान करने में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है यह कोर पिछले दो वर्षों से कोविड के खिलाफ लड़ाई में सबसे आगे रही है और इसने राष्ट्र की निस्वार्थ तथा उत्कृष्ट सेवा की है।
इस अवसर को मनाने के लिए सशस्त्र बल चिकित्सा सेवा के महानिदेशक वाइस एडमिरल रजत दत्ता और चिकित्सा सेवा महानिदेशक (सेना) लेफ्टिनेंट जनरल दलजीत सिंह के साथ-साथ नौसेना तथा वायु सेना के चिकित्सा सेवा महानिदेशक ने राष्ट्रीय समर स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की और कर्तव्य पालन के दौरान सर्वोच्च बलिदान देने वाले चिकित्सा कर्मियों को श्रद्धांजलि दी।
” भारतीय सेना चिकित्सा कोर तीन अप्रैल 1943 को भारतीय चिकित्सा सेवा, भारतीय चिकित्सा विभाग और भारतीय अस्पताल कोर के सम्मेलन द्वारा अधिकारियों और पुरुषों के एक समरूप कोर के रूप में अस्तित्व में आया। आजादी के बाद आईएमएसी का नाम बदलकर आर्मी मेडिकल कॉर्प्स कर दिया गया। इस तिथि के महत्व को इस तथ्य से और अधिक उजागर किया जाता है कि तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. एस राधाकृष्णन ने 3 अप्रैल 1966 को कोर को राष्ट्रपति के रंग प्रस्तुत किए थे।”