डॉ. हरीसिंह गौर की 155 वीं जयंती “गौर उत्सव” के संबंध में पत्रकार वार्ता का आयोजन किया गया
सागर। डॉक्टर हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय सागर के संस्थापक महान शिक्षाविद् एवं प्रख्यात विधिवेत्ता, संविधान सभा के सदस्य एवं दानवीर डॉ. सर हरीसिंह गौर के 155वें जन्म दिवस के उपलक्ष्य में दिनांक 20 नवंबर से 26 नवंबर तक ‘गौर उत्सव’ 2024 का आयोजन किया जा रहा है। साथ ही भारतीय विश्वविद्यालय संघ (AIU) नई दिल्ली के संयुक्त तत्वावधान में मध्य क्षेत्र अंतरविश्वविद्यालयीन युवा उत्सव 2024-25 ‘गौर-गौरव उत्सव’ 26 से 30 नवम्बर 2024 तक आयोजित किया जा रहा है। जिसके संबंध में विश्वविद्यालय के अतिथि गृह के सम्मेलन कक्ष में शुक्रवार को पत्रकार-वार्ता आयोजित की गई।
पत्रकार- वार्ता में पत्रकारों को संबोधित करते हुए कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता ने कहा कि विश्वविद्यालय में एक सप्ताह तक विभिन्न कार्यक्रम का आयोजन कर रहा है। इसी के साथ पांच दिवसीय युवा उत्सव भी आयोजित किया जा रहा है। सागर शहर और विश्वविद्यालय परिवार अपने पितृ पुरुष की जन्म जयन्ती को मिल जुलकर उत्साहपूर्वक एक उत्सव के रूप में मनायेगा। उन्होंने कहा कि डॉ. गौर के संकल्प और सपनों को साकार करना हमारा दायित्व है। पूरे सप्ताह कई अकादमिक-सांस्कृतिक गतिविधियाँ आयोजित की जायेंगी। उन्होंने कहा कि डॉ गौर के जन्म दिन पर हमारा प्रयास है कि हम गौर संग्रहालय की शुरुआत करें, उनकी स्मृतियों को सहेजें और उनके साहित्य से लोगों को परिचित कराएं ताकि उनके अद्वितीय योगदान का प्रचार-प्रसार हो सके। साथ ही उन्होंने कहा कि डॉ. गौर को भारत रत्न मिले, इसके लिए विश्वविद्यालय लगातार प्रयास कर रहा है। डॉ गौर को भारत रत्न दिलाने संबंधी प्रयासों को साझा करते हुए उन्होंने कहा कि हम लोग इसके लिए पूर्ण प्रयासरत हैं। सांस्थानिक, राजनीतिक और सामाजिक प्रयासों की एकजुटता से हम डॉ. गौर को देश का सर्वोच्च सम्मान दिलाने में हम जरूर सफल हो सकते हैं उन्होंने पत्रकारों से भी अपील की कि उनके योगदान और कार्यों को लगातार प्रचारित करें ताकि हम एक मुहिम चला सकें और उन्हें भारत रत्न दिला सकें। इस युवा उत्सव पर हस्ताक्षर अभियान भी चलाया जाएगा।
‘गौर पीठ’ की स्थापना के लिए एक लाख रूपये दान करने वालों का विश्वविद्यालय करेगा सम्मान
उन्होंने कहा कि गौर जयन्ती के दिन ‘गौर पीठ’ की स्थापना के लिए एक लाख रूपये या उससे अधिक दान करने वाले दानदाताओं का विश्वविद्यालय द्वारा सम्मान किया जाएगा। उन्होंने गौर पीठ के लिए अधिक से अधिक लोगों से सहयोग करने की अपील की। इस पीठ के माध्यम से डॉ. गौर के बहुआयामी व्यक्तित्व और कृतित्व के पर शोध एवं अनुसंधान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह केवल विश्वविद्यालय का ही आयोजन नहीं बल्कि पूरे सागर शहर का आयोजन है। उन्होंने कहा कि गौर उत्सव के विविध आयोजनों में शहर और विश्वविद्यालय से जुड़े प्रत्येक नागरिक का स्वागत और अभिनन्दन है और पत्रकार बंधुओं से अपेक्षा है कि मीडिया के माध्यम से डॉ. गौर जयन्ती के अवसर पर विभिन्न गतिविधियों का व्यापक प्रचार-प्रसार करें, उनके विचारों, कार्यों और सपनों को जन-जन तक पहुचाएं। यही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
गौर उत्सव में 26 से 30 नवंबर तक आयोजित होंगे कई कार्यक्रम
गौर उत्सव आयोजन के मुख्य समन्वयक प्रो. डी. के. नेमा ने सात दिवसीय आयोजन की विस्तृत रूपरेखा प्रस्तुत की। युवा उत्सव के सचिव डॉ. राकेश सोनी ने 26 से 30 नवंबर तक आयोजित होने वाले कार्यक्रम की विस्तृत रूपरेखा रखते हुए बताया कि आयोजन में मध्य क्षेत्र के विश्वविद्यालयों के लगभग 1200 प्रतिभागी कार्यक्रम में सहभागिता करेंगे. इसमें विजयी प्रतिभागी और दल राष्ट्रीय युवा उत्सव में प्रतिभागिता के लिए चुने जाते हैं।
डॉक्टर हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय सागर को पहली बार मध्य क्षेत्र युवा उत्सव की मेजबानी मिली है। इस युवा उत्सव में सांस्कृतिक रैली, संगीत, मिमिक्री, पोस्टर मेकिंग, क्लासिकल डांस, स्किट, वाद-विवाद, चित्रकारी, क्विज प्रतियोगिता, क्ले मॉडलिंग, फोटोग्राफी, डिबेट, समूह नृत्य, समूह गायन, कार्टूनिंग, रंगोली, कोलाज, मेहंदी, लोक वाद्य, लोक नृत्य सहित 28 विधाओं की प्रतियोगिताएं संपन्न होंगी. सभी प्रतिभागी विश्वविद्यालयों की टीम के आवास, भोजन की व्यवस्था विश्वविद्यालय में की जायेगी। भारतीय विश्वविद्यालय संघ द्वारा निर्धारित नियमों के तहत सभी प्रतियोगिताएं आयोजित की जायेंगी जिनमें अधिकृत निर्णायक मंडल द्वारा निर्णय किये जायेंगे। समस्त प्रतियोगिताएं एवं कार्यक्रम विश्वविद्यालय परिसर में विभिन्न आयोजन स्थलों पर आयोजित होंगे।
कार्यक्रम का संचालन मीडिया अधिकारी डॉ. विवेक जायसवाल ने किया। इस अवसर पर सह समन्वयक प्रो.ऋतु यादव, डॉ. राजेंद्र यादव, डॉ. आशुतोष, डॉ. रजनीश, समर्थ दीक्षित, प्रवीण राठौर तथा सागर शहर के पत्रकार गण मौजूद रहे।