सागर नगर का साहित्य उच्च स्तरीय – कर्नल पंकज सिंह
साहित्य पर केन्द्रित विमर्श का बड़ा आयोजन किया जाएगा – डॉ.अजय तिवारी
सागर। नगर की नवगठित साहित्यिक संस्था हिन्दी साहित्य भारती द्वारा रविवार को तृतीय द्विमासिक काव्य गोष्ठी का आयोजन कवि कर्नल पंकज सिंह के मुख्य आतिथ्य एवं स्वामी विवेकानंद विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डॉ.अजय तिवारी की अध्यक्षता में गोपालगंज स्थित स्वामी विवेकानंद अकादमी के सभागार में किया गया।
अतिथियों द्वारा माँ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण उपरान्त गोष्ठी का विधिवत शुभारंभ म.प्र. तुलसी साहित्य अकादमी के अध्यक्ष कवि अरुण दुबे द्वारा की गई माँ सरस्वती की मधुर वन्दना से हुआ। संस्था के मार्गदर्शक श्यामलम् अध्यक्ष उमा कान्त मिश्र ने संस्था एवं कार्यक्रम का परिचय दिया। अकादमी के सांस्कृतिक प्रभारी प्रदीप चौरसिया ने अतिथि स्वागत किया। हिन्दी साहित्य भारती सागर इकाई के अध्यक्ष अम्बिका यादव ने स्वागत भाषण देते हुए रचना पाठ कर काव्य गोष्ठी की शुरुआत की । नगर के प्रमुख कवियों डॉ.गजाधर सागर,पूरन सिंह राजपूत,मुकेश तिवारी,ज ल राठौर प्रभाकर, महेन्द्र खरे,पी आर मलैया,पवन रजक नरयावली, कपिल बैसाखिया,कु.रचना रची,ममता भूरिया,अमित आठिया,अशोक तिवारी अलख, कमल किशोर मौर्य, प्रभावित कुमार,अतुल श्रीवास्तव द्वारा रचना पाठ किया गया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कर्नल पंकज सिंह ने कहा कि कविताओं के माध्यम से अपने देश के प्रति प्रेम और समर्पण की अभिव्यक्ति प्रेरणादायी और जन-जन के हृदय में राष्ट्रीय भावना और सम्मान को जागृत करती है। उन्होंने सागर नगर के साहित्य सृजन को उच्च स्तरीय बताते हुए जालियांवाला बाग कांड पर लिखी देश प्रेम की रचना का पाठ कर सभागार को वीर रस से सराबोर कर दिया।
हिन्दी साहित्य भारती के संरक्षक स्वामी विवेकानंद विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डॉ.अजय तिवारी ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में साहित्य में काव्य की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि काव्य वह माध्यम है जो सीधे पाठक वर्ग के हृदय में प्रविष्ट होकर उसे आंदोलित करने की क्षमता रखता है। उन्होंने हिन्दी साहित्य भारती द्वारा भविष्य में साहित्य विमर्श पर केन्द्रित बड़े आयोजन भी संस्था द्वारा कराए जाने की बात कही। कार्यक्रम का कुशल संचालन व आभार प्रदर्शन संस्था के कोषाध्यक्ष आर के तिवारी ने किया।
इस अवसर पर पी एन मिश्रा,आर सी चौकसे, हरिसिंह ठाकुर,जगदीश श्रीवास्तव, डॉ विनोद तिवारी, रोहित बड़ौनियां,सुधीर तिवारी, आदि की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।
