पीएम मोदी
शेयर करें

18वीं लोकसभा का पहला सत्र शुरू हो गया है। सबसे पहले सदन में राष्ट्रगान हुआ, उसके बाद पिछले सदन के दिवंगत सदस्यों को श्रद्धांजलि दी गई। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा सदस्य की शपथ ली । प्रधानमंत्री मोदी के बाद उनकी कैबिनेट के लोकसभा सांसद शपथ ले रहे हैं।

संसद में आज और कल नए सांसद शपथ लेंगे। इससे पहले भाजपा सांसद भर्तुहरि महताब को सोमवार सुबह 10 बजे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने प्रोटेम स्पीकर की शपथ दिलाई। इस दौरान संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू राष्ट्रपति भवन में मौजूद थे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा “अगर हमारे देश के नागरिकों ने लगातार तीसरी बार किसी सरकार पर भरोसा किया है, तो इसका मतलब है कि उन्होंने सरकार की नीतियों और नीयत पर मुहर लगाई है। मैं आप सभी के समर्थन और भरोसे के लिए आभारी हूं। सरकार चलाने के लिए बहुमत ज़रूरी है, लेकिन देश चलाने के लिए आम सहमति ज़रूरी है।”

18वीं लोकसभा भारत के अमृतकाल की इस लोकसभा का गठन, वो भी एक शुभ संकेत है

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा “भारत की सांस्कृतिक विरासत से जो परिचित हैं, उनको पता कि हमारे यहां 18 अंक का बहुत सात्विक मूल्य है। गीता के भी 18 अध्याय हैं- कर्म, कर्तव्य और करूणा का संदेश हमें वहां से मिलता है। हमारे यहां पुराणों और उप-पुराणों की संख्या भी 18 हैं। 18 का मूलांक 9 हैं और 9 पूर्णता की गारंटी देता है। 9 पूर्णता का प्रतीक अंक है। 18 वर्ष की आयु में हमारे यहां मताधिकार मिलता है। 18वीं लोकसभा भारत के अमृतकाल की, इस लोकसभा का गठन, वो भी एक शुभ संकेत है।”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा “आज हम 24 जून को मिल रहे हैं। कल 25 जून हैं। जो लोग इस देश के संविधान की गरिमा से समर्पित हैं, जो लोग भारत की लोकतांत्रिक परंपराओं पर निष्ठा रखते हैं, उनके लिए 25 जून न भूलने वाला दिवस है। कल 25 जून को भारत के लोकतंत्र पर जो काला धब्बा लगा था, उसके 50 वर्ष हो रहे हैं। भारत की नई पीढ़ी ये कभी नहीं भूलेगी की संविधान को पूरी तरह नकार दिया गया था, भारत को जेलखाना बना दिया गया था, लोकतंत्र को पूरी तरह दबोच दिया गया था। इमरजेंसी के ये 50 साल इस संकल्प के हैं कि हम गौरव के साथ हमारे संविधान की रक्षा करते हुए, भारत के लोकतांत्रिक परंपराओं की रक्षा करते हुए देशवासी ये संकल्प करेंगे कि भारत में फिर कभी कोई ऐसी हिम्मत नहीं करेगा, जो 50 साल पहले की गई थी और लोकतंत्र पर काला धब्बा लगा दिया गया था। हम संकल्प करेंगे, जीवंत लोकतंत्र का, हम संकल्प करेंगे, भारत के संविधान की निर्दिष्ट दिशा के अनुसार जन सामान्य के सपनों को पूरा करना।”

उन्होने कहा ‘सदन में सामान्य मानवी की अपेक्षा रहती है debate की, vigilance की। लोगों को ये अपेक्षा नहीं है कि नखरे होते रहे, ड्रामा होते रहे, disturbance होता रहे। लोग substance चाहते हैं, slogan नहीं चाहते हैं। देश को एक अच्छे विपक्ष की आवश्यकता है, जिम्मेदार विपक्ष की आवश्यकता है और मुझे पक्का विश्वास है कि इस 18वीं लोकसभा में हमारे जो सांसद जीतकर के आए हैं, वो सामान्य मानवी की उन अपेक्षाओं को पूर्ण करने का प्रयास करेंगे।’


शेयर करें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!