"एक विचार" 2024 अलविदा
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लेखक : आर के तिवारी/ सागर

मित्रों, 2024 चला गया। इसमें आपने क्या खोया क्या पाया,क्या पाने को रह गया।आपने किसके साथ क्या अच्छा किया और किसके साथ बुरा किया सोचें। अपने मतलब को आपने और गैरों ने आपको कहाँ-कहाँ उपयोग किया। किसका आपने और आपका किसने अपमान किया आपकी कौन सी योजना पूरी होने से रह गई। आपका अपना कौन बिछुड़ गया और कौन मिल गया सोचें! बिछुडे को याद रखें मिलने वाले का ख्याल रखें।
आप ये न सोचें कि आप कितने वर्ष के हो गये आप सोचें कि अब कितना वक़्त और बचा होगा!उसी हिसाब से आगें की अपनी प्लानिंग करें। वैसे तो सभी कार्य किसी के पूरे नहीं होते पर कम ही छूटें ऐसा कुछ करें मस्ती में नहीं! मस्त जीने की कोशिश करें उम्र छुपायें नहीं भुलायें।
वर्ष में 365 ही दिन होते हैं हजारों नहीं और ये भी इसी 24 की तरह गुज़र जायेंगे पता भी नहीं चलेगा इसलिए हर काम में टाला मटोली न करें। जीवन समझोते पर भी चलता है यह भी सोचना होगा हम अकेले भी नहीं चल पायेंगे सबके साथ के लिए सबका ध्यान भी रखना होगा।
बुद्धि आपके ही पास नहीं और भी लोग हैं जो आपसे भी बड़े विद्वान हैं और कुछ ऐसे भी होते हैं जो किताबी ज्ञान से भी अधिक अनुभवों का ज्ञान रखते हैं अतः उनके आदर का भी ध्यान रखना होगा। बच्चों के पास से भी हमें बहुत कुछ सीखने को मिलता है हमेशा उनकी उपेक्षा न करें। नई पीढ़ी से हमें नई नई टेक्नोलाजी समझने में उनका सहयोग मिलता रहे इसके लिए उनका भी महत्व समझें नये युग में अध्यात्मिक को न भूलें वह भी बहुत जरूरी है।

सबके साथ के लिए सबका सम्मान भी समझना होगा आप हमेशा अपना फैसला हर किसी पर थोप नहीं सकते

अन्त में-2024 में मुझसे जाने अनजाने हुई गलतियों के लिए क्षमा चाहता हुआ आप सभी को नये वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें देता हूँ।


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