Category: प्रेरक लघु कथाएं

पर्यावरण पर व्यंग्य कहानी : कल चमन था आज एक सहरा हुआ अब वहाँ जंगल की मेवा कहाँ

सागर/ आर के तिवारी आजकल चर्चा पर्यावरण की ही चल रही है,तो लीजिये मेरी एक व्यंग्य कथा भी पढ़ियेगा हैलो! अरे कहां हो यार रामलाल जी ? वहां से फोन…

कहानी: इत्तेफ़ाक़

सागर/आर के तिवारी बात बहुत पुरानी है,तबकी! जब हमारा यह शहर एक छोटा शहर था। आज जहाँ बड़े-बड़े पक्के मकान हैं,पक्की सड़कें हैं वहाँ कुछ अमीर लोगों की बड़ी हवेली…

प्रेरक लघु कथाएं : गुलाबो

सागर/आर के तिवारी गुलाबो!ये गुलाबो! सुन!खेलना बंद कर और ले ए डिब्बा अब्बू को खाना दे कर आ। वो सुबह ही बोल गये थे आज कल्लू मिस्त्री काम पर नहीं…

मदर्स डे विशेष-लघु कथा: तलाक

” मातृ दिवस ( मदर्स डे) विशेष पर” : लघु कथा-तलाक सागर/ आर के तिवारी अचानक मलिका माइक पकड़ कर बोली,मेरी माँ मेरी माँ के साथ-साथ मेरी पिता भी हैं…

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