आज महाशिवरात्रि का पावन पर्व है. महाशिवरात्रि हिन्दुओं के सबसे बड़े पर्वों में से एक है .भारत में महाशिवरात्रि पर्व को धूमधाम के साथ मनाया जाता है . महाशिवरात्रि फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि का व्रत रखा जाता हैं. इस वर्ष महाशिवरात्रि आज 01 मार्च , मंगलवार को है. महाशिवरात्रि के दिन भगवान भोलेनाथ की पूजा और व्रत रखने का विशेष महत्व होता है.
महाशिवरात्रि के दिन घर और मंदिरों में भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, महाशिवरात्रि के दिन भगवान शंकर की पूजा करने से कष्टों से मुक्ति मिलती है. पौराणिक मान्यता है कि महाशिवरात्रि के दिन माता पार्वती की पूजा करने से भगवान शंकर प्रसन्न होते हैं. कहा जाता है कि महाशिवरात्रि व्रत का विशेष महत्व होता है. पौराणिक कथा के अनुसार मां पार्वती ने भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए कठोर तपस्या की थी. साथ ही उन्होंने कई व्रत रखे थे. एक बार भगवान शिव बेलपत्र वृक्ष के नीचे बैठकर तपस्या कर रहे थे. माता पार्वती जब शिव जी की पूजा के लिए सामग्री लाना भूल गईं तो उन्होंने भगवान शिव को बेलपत्र से ढक दिया. इससे भोलेनाथ बहुत अधिक प्रसन्न हुए, और तब से ही भोलेशंकर को बेलपत्र चढ़ाने की परंपरा है.
महाशिवरात्रि व्रत की पूजा-विधि
1. मिट्टी के लोटे में पानी या दूध भरकर, ऊपर से बेलपत्र, आक-धतूरे के फूल, चावल आदि डालकर ‘शिवलिंग’ पर चढ़ाना चाहिए। अगर आस-पास कोई शिव मंदिर नहीं है, तो घर में ही मिट्टी का शिवलिंग बनाकर उनका पूजन किया जाना चाहिए।
2. शिव पुराण का पाठ और महामृत्युंजय मंत्र या शिव के पंचाक्षर मंत्र ॐ नमः शिवाय का जाप इस दिन करना चाहिए। साथ ही महाशिवरात्री के दिन रात्रि जागरण का भी विधान है।
3. शास्त्रीय विधि-विधान के अनुसार शिवरात्रि का पूजन ‘निशीथ काल’ में करना सर्वश्रेष्ठ रहता है। हालाँकि भक्त रात्रि के चारों प्रहरों में से अपनी सुविधानुसार यह पूजन कर सकते हैं।