भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स ने तीसरी बार अंतरिक्ष के लिए उड़ान भरीं। भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स आज बुधवार को एक अन्य सहकर्मी के साथ तीसरी बार अंतरिक्ष के लिए रवाना हुई। दोनों ने बोइंग कंपनी के स्टारलाइनर यान से अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन जाने वाले पहले सदस्य बनकर इतिहास रच दिया। दोनों ने बोइंग के सीएसटी-100 स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान में अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के लिए उड़ान भरने वाले पहले सदस्य बनकर इतिहास रच दिया।
साथ ही विलियम्स इस तरह के मिशन पर जाने वाली पहली महिला भी हैं। विलियम्स और बुच विल्मोर को लेकर बोइंग का क्रू फ्लाइट टेस्ट मिशन फ्लोरिडा के केप कैनावेरल स्पेस फोर्स स्टेशन से रवाना हुआ। यात्रा में 25 घंटे लगने की उम्मीद है। यान गुरुवार को अंतरिक्ष स्टेशन पहुंचेगा। वे अंतरिक्ष में घूमती प्रयोगशाला में एक सप्ताह से अधिक समय बिताएंगे और इसके बाद 14 जून को वापसी के लिए पश्चिमी अमेरिका के एक दूरस्थ रेगिस्तान में उतरने के वास्ते स्टारलाइनर यान में फिर से सवार होंगे।
विलियम्स अंतरिक्ष में ट्रायथलॉन पूरा करने वाली पहली व्यक्ति
वर्ष 2012 में अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन की यात्रा के दौरान विलियम्स अंतरिक्ष में ट्रायथलॉन पूरा करने वाली पहली व्यक्ति बनी थीं। विलियम्स मई 1987 में अमेरिकी नौसैन्य अकादमी से प्रशिक्षण लेने के बाद अमेरिकी नौसेना से जुड़ी थीं। विलियम्स को 1998 में नासा द्वारा अंतरिक्ष यात्री के रूप में चुना गया था और वह दो अंतरिक्ष अभियानों-2006 में अभियान 14-15 तथा 2012 में 32-33 अभियानों का हिस्सा बनीं। उन्होंने अभियान-32 में फ्लाइट इंजीनियर और फिर अभियान-33 की कमांडर के रूप में काम किया। अंतरिक्ष यान के विकास में असफलताओं के कारण बोइंग के क्रू फ्लाइट टेस्ट मिशन में कई वर्षों की देरी हुई।
# सुनीता विलियम्स #Sunita Williams