ज्योति शर्मा
विश्व रेडियो दिवस प्रत्येक वर्ष 13 फरवरी को मनाया जाता है। यूनेस्को द्वारा अपने 36वें सम्मेलन के दौरान 3 नवंबर 2011 को इस दिवस का मनाने का निर्णय लिया गया था। यह दिन लोगों को रेडियो के उपयोग के बारे में जागरूक करने के लिए मनाया जाता है। विश्व रेडियो दिवस एक महत्वपूर्ण दिन है जिसका मुख्य उद्देश्य रेडियो के महत्व को सार्वजनिक करना और लोगों को इसके उपयोग के लिए प्रोत्साहित करना है।
रेडियो का महत्व
रेडियो मानव समाज के लिए एक महत्वपूर्ण साधन है। यह एक सार्वजनिक संचार माध्यम है जो लोगों को विभिन्न जानकारियों, समाचारों, मनोरंजन और शिक्षा के साथ जोड़ता है। रेडियो की महत्वपूर्ण विशेषताओं में उसकी व्यापकता, सस्ताई, और सामाजिक प्रभाव शामिल हैं। रेडियो का उपयोग समाचार, सामुदायिक जानकारी, सरकारी संदेश, विज्ञान, प्रौद्योगिकी, और सांस्कृतिक ज्ञान के प्रसारण में किया जाता है। यह विभिन्न भाषाओं में उपलब्ध होता है और आवाज के माध्यम से अनुभवों और विचारों को साझा करता है।
रेडियो का उपयोग आपसी समझ और व्यक्तिगत जीवन को बढ़ावा देने के लिए भी किया जाता है। यह लोगों को सामाजिक मुद्दों पर जागरूक करता है, उन्हें साझा करता है और समूह में संगठित करता है। इसके माध्यम से जनता लोकतंत्र में सक्रिय भागीदारी लेती है और सामाजिक परिवर्तन को प्रोत्साहित करती है।
रेडियो का इतिहास
रेडियो का इतिहास बहुत ही रोचक है और इसका प्रारंभिक विकास 19वीं सदी के आरंभ में हुआ। पहला रेडियो प्रसारण 1895 में गुग्लिल्मो मार्कोनी द्वारा किया गया था और संगीत और बातचीत का रेडियो प्रसारण, जिसका उद्देश्य व्यापक दर्शकों के लिए था, प्रयोगात्मक रूप से, कभी-कभी 1905-1906 के आसपास अस्तित्व में आया।1920 के दशक में, रेडियो संचार एक नया माध्यम बन गया और यह व्यक्तिगत और सार्वजनिक उपयोग के लिए लोकप्रिय हो गया। लोग रेडियो प्रोग्रामों को सुनने के लिए अपने घरों में रेडियो सेट्स खरीदने लगे। दोनों विश्वयुद्धों के दौरान, रेडियो संचार एक महत्वपूर्ण संचार माध्यम बन गया, जिसका उपयोग समाचार, प्रोपैगेंडा, और सैन्य संचार के लिए किया गया।
विकास के साथ, रेडियो का उपयोग न केवल मनोरंजन के लिए किया जाता है, बल्कि यह एक महत्वपूर्ण साधन बन गया है जो समाचार, शिक्षा, सामाजिक संगठन, और सामाजिक परिवर्तन को बढ़ावा देने के लिए भी उपयोग किया जाता है। आज, रेडियो एक महत्वपूर्ण माध्यम है जो लोगों को जोड़ता है, जानकारी प्रदान करता है, और सामाजिक परिवर्तन में सहायक होता है।
विश्व रेडियो दिवस (World Radio Day 2023) की ऐसे हुई थी शुरुआत
विश्व रेडियो दिवस की शुरुआत साल 2011 में हुई थी। साल 2010 में स्पेन रेडियो अकादमी ने 13 फरवरी को विश्व रेडियो दिवस मनाने का प्रस्ताव दिया था। साल 2011 में यूनेस्को के सदस्य देशों ने इस प्रस्ताव को स्वीकार किया और 13 फरवरी को विश्व रेडियो दिवस मनाने की घोषणा की। बाद में साल 2012 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने भी इसे अपना लिया। जिसके बाद 13 फरवरी को पहली बार यूनेस्को ने विश्व रेडियो दिवस मनाया।
विश्व रेडियो दिवस प्रत्येक वर्ष 13 फरवरी को मनाया जाता है। इसके बाद यूनेस्को के सदस्य देशों द्वारा 2011 में एक उद्घोषणा की गई, जिसे बाद में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 14 जनवरी 2013 को एक अंतर्राष्ट्रीय दिवस के रूप में अनुमोदित किया गया।
विश्व रेडियो दिवस की थीम, 2024
13 फरवरी, 2024 को मनाए जाने वाले विश्व रेडियो दिवस की थीम इस बार “रेडियो: सूचना देने, मनोरंजन करने और शिक्षित करने वाली एक सदी” है {‘Radio: A century informing, entertaining and educating.’}
संयुक्त राष्ट्र का कहना है, “2024 का उत्सव रेडियो के इतिहास और समाचार, नाटक, संगीत और खेल पर इसके शक्तिशाली प्रभाव पर प्रकाश डालता है। यह तूफान, भूकंप, बाढ़, गर्मी, जंगल की आग, दुर्घटनाओं और युद्ध जैसी प्राकृतिक और मानव निर्मित आपदाओं, आपात स्थितियों और बिजली कटौती जैसी स्थितियों की सूचना देने में काम आता है और इसीलिए इसे सुरक्षा के लिए भी महत्वपूर्ण मानी जाती है। इसके अलावा, रेडियो का निरंतर लोकतांत्रिक मूल्य आप्रवासी, धार्मिक, अल्पसंख्यक और गरीबी से त्रस्त आबादी सहित वंचित समूहों के बीच जुड़ाव के लिए जमीनी स्तर पर उत्प्रेरक के रूप में काम करना है।